जनता की अदालत में बोले अरविंद केजरीवाल, कहा- ‘मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया, मैं गलत करने नहीं आया’

KNEWS DESK- दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, अरविंद केजरीवाल आज जंतर-मंतर पर जनता की अदालत में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने विचार रखे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में, केजरीवाल ने अपनी ईमानदारी की रक्षा के लिए जनता से समर्थन मांगा और स्पष्ट किया कि वे तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देती।

ईमानदारी की परिभाषा

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है। आज मैं मुख्यमंत्री आवास खाली कर दूंगा। मेरे पास आज दिल्ली में रहने के लिए घर नहीं है।” उन्होंने इस बात को दोहराया कि उन्होंने सत्ता या पैसे के लिए राजनीति में कदम नहीं रखा। “अगर मैं पैसे कमाने की सोचता, तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता,” उन्होंने कहा।

भ्रष्टाचार का आरोप और प्रतिक्रिया

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया, जिसके तहत उनके कई नेता जेल में हैं। “मुझे पीएमएलए एक्ट के तहत फंसाया गया,” उन्होंने कहा। उन्होंने जनता से पूछा कि अगर वे वास्तव में बेईमान होते, तो क्या वे दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी उपलब्ध करा पाते।

भाजपा पर निशाना

केजरीवाल ने भाजपा पर भी कड़ा प्रहार किया, सवाल करते हुए कि क्या भाजपा के नेता भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करना उचित मानते हैं। उन्होंने आरएसएस प्रमुख से पांच सवाल पूछे, जिनमें लोकतंत्र पर प्रभाव, भ्रष्टाचार और पार्टी की नीति शामिल थे।

साथियों का समर्थन

आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने जेल में भी हार नहीं मानी और यह महसूस किया कि उनके नेता अरविंद केजरीवाल को गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जनता उन्हें ईमानदार नहीं मानेगी, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।

जनता की अदालत का महत्व

इस कार्यक्रम में शामिल हुए अन्य नेताओं ने भी केजरीवाल का समर्थन किया, यह कहते हुए कि दिल्ली के लोग उनके साथ हैं। केजरीवाल ने जनता से अपील की कि वे उन्हें समर्थन दें और एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुनें।

दिल्ली की राजनीति में इस समय बहुत कुछ चल रहा है, और केजरीवाल का यह कदम उनके ईमानदार छवि को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस बीच, विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी जोर पकड़ रही हैं, जिसमें केजरीवाल और उनकी पार्टी की रणनीति महत्वपूर्ण होगी।

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