अंतराग्नि 2024 में कला और संस्कृति का मना जश्न, सिंगर जावेद अली के “जश्न-ए-बहारा” गीत पर मचा धमाल

KNEWS DESK-  आईआईटी कानपुर के अंतराग्नि 2024 के तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शानदार आयोजन हुआ, जिसमें आईआईटियंस ने देर रात तक अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। महोत्सव की थीम “एक सिंक्रेटिक जॉट” के अंतर्गत विविधता और रंग-बिरंगे प्रदर्शनों ने दर्शकों का मन मोह लिया। आईआईटी कानपुर का अंतराग्नि-2024 महोत्सव इस साल भी भव्यता और उत्साह से भरा रहा। खासतौर पर सिंगर जावेद अली के “जश्न-ए-बहारा” गीत पर छात्रों ने जमकर डांस किया, जिसने कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया।

उत्साह और ऊर्जा का संगम

इस दिन छात्रों ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया। विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में नृत्य, संगीत और नाटक शामिल थे, जिसने पूरे माहौल में जोश और उत्साह भर दिया। प्रतिभागियों ने अपनी कला के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे ओपन एयर थियेटर का वातावरण जीवंत हो उठा।

प्रतियोगिताओं का रोमांच

महोत्सव के दौरान आयोजित की गई प्रतियोगिताओं ने भी दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। छात्रों ने अपने कौशल और रचनात्मकता के साथ प्रतिस्पर्धा की, जिससे एक स्वस्थ और उत्साहवर्धक माहौल बना। सभी प्रतिभागियों ने अपनी मेहनत और समर्पण से कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।

अंतराग्नि 2024 का यह तीसरा दिन छात्रों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जहां कला और संस्कृति का जश्न मनाया गया। इस महोत्सव ने छात्रों में एकता, सहयोग और सांस्कृतिक समझ का संचार किया, और आगे भी इसी जोश के साथ जारी रहेगा।

  1. उत्सव की शुरुआत: महोत्सव का आगाज़ जोश और उमंग के साथ हुआ, जहां छात्रों ने रंग-बिरंगी पोशाकों में भाग लिया।
  2. जावेद अली का जलवा: प्रसिद्ध गायक जावेद अली ने जैसे ही मंच संभाला, दर्शकों में उत्साह का सैलाब उमड़ पड़ा।
  3. डांस का धमाल: “जश्न-ए-बहारा” पर छात्रों ने नृत्य किया, जिससे पूरा ओपन एयर थियेटर झूम उठा।
  4. भावनाओं का आदान-प्रदान: दर्शकों और कलाकारों के बीच की ऊर्जा ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
  5. रंग-बिरंगे सजावट: महोत्सव स्थल की सजावट ने इसे और भी आकर्षक बना दिया, जिससे हर कोई अपनी नजरें नहीं हटा सका।
  6. प्रतिभागियों का समर्पण: छात्रों की मेहनत और समर्पण ने सभी प्रस्तुतियों में गहराई और भावनाएँ भर दीं।
  7. दर्शकों का समर्थन: हर प्रस्तुति के बाद तालियों की गड़गड़ाहट ने कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
  8. फोटोग्राफर्स का जलवा: कई फोटोग्राफर्स ने इस पल को कैद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
  9. यादगार पल: जावेद अली के साथ छात्रों ने तस्वीरें खिंचवाईं, जो इस महोत्सव का एक यादगार क्षण बन गया।
  10. समापन समारोह: महोत्सव का समापन एक भव्य नोट पर हुआ, जिसमें छात्रों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

आईआईटी कानपुर का अंतराग्नि-2024 न केवल कला और संस्कृति का जश्न था, बल्कि यह छात्रों के बीच सहयोग, समर्पण और एकता का प्रतीक भी बन गया।

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