डिजिटल डेस्क- दक्षिण अफ्रीका एक बार फिर खून-खराबे और अंधाधुंध हिंसा की चपेट में आ गया है। जोहान्सबर्ग के पास स्थित बेकर्सडाल टाउनशिप में रविवार को हुई भीषण गोलीबारी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब इसी महीने देश में एक अन्य सामूहिक फायरिंग में 12 लोगों की जान जा चुकी है। लगातार सामने आ रही इन हिंसक घटनाओं ने दक्षिण अफ्रीका की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह गोलीबारी जोहान्सबर्ग से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित बेकर्सडाल इलाके में हुई। हमला एक टैवर्न या अवैध बार के पास हुआ, जो कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार देर शाम अचानक कई हथियारबंद हमलावर मौके पर पहुंचे और सड़कों पर मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
सुनियोजित तरीके से किया गया हमला
पुलिस ने बताया कि कुछ पीड़ितों को बिना किसी स्पष्ट वजह के निशाना बनाया गया। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि हमला पूरी तरह सुनियोजित था। हालांकि, अब तक हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है और न ही यह साफ हो पाया है कि घटना के पीछे कोई आपसी रंजिश, गैंगवार या अन्य आपराधिक कारण था। गौतेंग प्रांत की पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर ब्रेंडा मुरिडिली ने कहा कि मृतकों की पहचान का काम जारी है। उन्होंने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मरने वाले लोग कौन थे और वे किस पृष्ठभूमि से जुड़े थे। घटना में घायल लोगों को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाई गई
डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों को गंभीर गोलियां लगी हैं और उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है। अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की और अप्रिय घटना को रोका जा सके। दक्षिण अफ्रीका में बढ़ते अपराध और अवैध हथियारों की समस्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है। हाल के महीनों में सामूहिक गोलीबारी की घटनाओं में तेजी आई है, जिससे आम नागरिकों में भय का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके इलाके में अवैध बार और आपराधिक गतिविधियां लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं की गई।