KNEWS DESK – आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को तिरुमाला पहाड़ियों पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की तरफ से बनाई गई केंद्रीकृत रसोईघर का उद्घाटन किया।
लड्डू प्रसादम की गुणवत्ता में सुधार
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा एक नई केंद्रीकृत रसोई का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन श्रीवारी वर्षिका ब्रह्मोत्सवम के अवसर पर किया गया।
हालांकि, मुख्यमंत्री नायडू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं ने तिरुमला में ‘लड्डू प्रसादम’ की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि लड्डू बनाने के लिए प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। यदि आवश्यक हुआ, तो टीटीडी तिरुमला में पूरी प्रक्रिया के सुधार के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) तिरुपति से भी परामर्श लिया जाएगा।
प्रयोगशालाओं की स्थापना और IIT से परामर्श
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड्डू प्रसादम बनाने के लिए प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा, यदि आवश्यकता महसूस होती है, तो टीटीडी तिरुमला में पूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) तिरुपति से परामर्श लेने पर विचार किया जाएगा। नायडू ने यह भी कहा कि यह कदम श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता का प्रसाद प्रदान करने के लिए उठाया गया है, जिससे उनकी धार्मिक भावना और संतोष बढ़ेगा।
घी में पशु चर्बी का विवाद
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल की जाने वाली घी में पशु चर्बी की पुष्टि होने के बाद मंदिर प्रशासन विवादों के घेरे में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। इस एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा। सीबीआई निदेशक इस जांच की निगरानी करेंगे।
मिलावट की आशंका और जांच
मुख्यमंत्री नायडू ने सत्ता में वापसी के बाद मंदिर के लड्डुओं में मिलावट की आशंका जताई थी। इसके परिणामस्वरूप, मंदिर प्रशासन ने सप्लाई किए गए घी के सैंपल लेकर गुजरात स्थित डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की लैब ‘सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड’ (CALF) में भेजे थे। लैब की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि शुद्ध घी में वसा की मात्रा 95.68 से लेकर 104.32 तक होनी चाहिए थी, लेकिन सैंपल में मिल्क फैट की वेल्यू केवल 20 ही पाई गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इन सैंपल में विभिन्न प्रकार के ऑयल और पशु चर्बी के तत्व पाए गए हैं, जो घी की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हैं।