KNEWS DESK – संभल जिले में स्थित प्राचीन कार्तिकेय मंदिर को लेकर इन दिनों एक नई चर्चा शुरू हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने इस मंदिर का गुपचुप तरीके से कार्बन डेटिंग और अन्य ऐतिहासिक सर्वेक्षण किया है। एएसआई के इस कदम ने न केवल मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को फिर से उजागर किया है, बल्कि 46 सालों बाद बंद इस मंदिर को लेकर नए सवाल भी खड़े किए हैं।
कार्बन डेटिंग प्रक्रिया और प्राचीन कूपों का निरीक्षण
ASI की टीम ने संभल में स्थित प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की कार्बन डेटिंग गुपचुप तरीके से पूरी की। इसके अलावा, टीम ने 19 प्राचीन कूपों और पांच तीर्थस्थलों का ऐतिहासिक महत्व और स्थिति का बारीकी से सर्वेक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान एएसआई ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि इस गतिविधि को मीडिया से दूर रखा जाए, ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक प्रतिक्रिया या तनाव की स्थिति उत्पन्न न हो। इस निरीक्षण में एएसआई टीम ने मंदिर के इतिहास और उसके आसपास के स्थल, जैसे भद्रकाश्रम, स्वर्गदीप, चक्रपाणि, और अन्य प्राचीन स्थल का गहन अध्ययन किया। माना जा रहा है कि इस जांच के माध्यम से इतिहास के नए पहलुओं पर रोशनी पड़ सकती है, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और अधिक स्पष्ट कर सकता है।
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
संभल के जिलाधिकारी, राजेंद्र पेंसिया ने इस सर्वेक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि मंदिर का सर्वेक्षण पूरी तरह से सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि एएसआई की टीम ने कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था और इस सर्वेक्षण को मीडिया कवरेज से दूर रखा गया था ताकि सुरक्षा और शांति बनी रहे।
46 साल बाद खुला बंद मंदिर
यह घटना उस समय सामने आई जब संभल के दीपा राय इलाके में 14 दिसंबर को पुलिस द्वारा की गई चेकिंग के दौरान एक मंदिर का पता चला, जो 46 साल से बंद पड़ा था। पुलिस को जानकारी मिली कि यह मंदिर 1978 से बंद था, और इसके आसपास की खुदाई में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी पाई गईं। इसके बाद, 15 दिसंबर को इस मंदिर को खोला गया और पूजा-अर्चना का कार्य शुरू किया गया। मंदिर के पुनः खुलने के बाद वहां से कुएं मिलने की भी जानकारी सामने आई थी, जिसके बाद उसकी खुदाई कराई गई। साथ ही, अन्य क्षेत्रों जैसे सरायतरीन में भी मंदिरों की खुदाई की गई है, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है।
एएसआई का सर्वेक्षण और भविष्य की उम्मीदें
ASI के इस सर्वेक्षण से अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को लेकर कई नए तथ्य सामने आ सकते हैं। मंदिर की कार्बन डेटिंग और प्राचीन कूपों का निरीक्षण इस क्षेत्र के इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। इसके अलावा, एएसआई की टीम ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि इस प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाए ताकि किसी प्रकार की राजनीतिक या सामाजिक तनाव की स्थिति न बने।
संभल का यह मंदिर और आसपास के स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अहम हो सकते हैं। एएसआई की जांच से यह संभावना जताई जा रही है कि इस क्षेत्र की प्राचीनता और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में नई जानकारी मिल सकती है, जो इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।