KNEWS DESK- प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर अखाड़ों के साधु-संतों का अमृत स्नान शुरू हो गया है। पूरे भक्ति और आस्था के माहौल में संगम नगरी गूंज उठी है। संत समाज के 13 प्रमुख अखाड़े एक के बाद एक संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस विशेष स्नान के दौरान हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा कर साधु-संतों का स्वागत किया जा रहा है।
संगम तट पर हजारों श्रद्धालु इस पावन दृश्य के साक्षी बन रहे हैं। मौनी अमावस्या पर स्नान का विशेष महत्व होता है और यह माना जाता है कि इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अखाड़ों के संत अपने अनुयायियों के साथ संगम पहुंच रहे हैं और मंत्रोच्चारण के बीच स्नान कर रहे हैं।
हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा
श्रद्धालुओं और संतों की आस्था को सम्मान देते हुए प्रशासन ने हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की विशेष व्यवस्था की है। आसमान से गिरते फूलों की वर्षा ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया है। भक्तगण इस अद्भुत नज़ारे को देखकर भावविभोर हो रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने संगम क्षेत्र में सुरक्षा बलों को तैनात किया है और स्नान के लिए विशेष बैरिकेडिंग की गई है।
आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया संगम तट
अखाड़ों के संतों के स्नान के बाद आम श्रद्धालुओं को भी संगम में स्नान करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, अधिक भीड़ होने के कारण कुछ स्थानों पर भगदड़ की स्थिति बनी, जिसे प्रशासन ने तुरंत नियंत्रित किया।
मौनी अमावस्या के इस शुभ अवसर पर संगम नगरी श्रद्धालुओं से भर गई है। देशभर से आए भक्त इस अवसर पर स्नान और पूजन कर रहे हैं। पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है और गंगा तट पर गूंज रहे भजन-कीर्तन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान कर रहे हैं। प्रयागराज में अमृत स्नान के इस महापर्व ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि श्रद्धा और आस्था के इस संगम में हर भक्त का मन पवित्रता से भर उठता है।
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