KNEWS DESK… प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अमित शाह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सहकारिता आंदोलन हमारे देश में करीब 115 वर्ष पुराना है। आजादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि सहकारिता मंत्रालय को अलग बनाया जाए। पहले सहकारिता का सारा काम कृषि मंत्रालय के अंतर्गत संयुक्त सचिव देखता था जिसकी वजह से सहकारिता क्षेत्र को बढ़ाने में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। पीएम मोदी ने हमारी मांग को पूरा किया।
दरअसल आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने स्वतंत्र मंत्रालय बनने से सहकारिता मंत्रालय और सहकारी के क्षेत्र में ढ़ेर सारे परिवर्तन संभव हुए हैं और आगे भी परिवर्तन होते रहेंगे। शाह ने कहा कि ऋण वितरण की अर्थव्यवस्था में लगभग 29% हिस्सा सहकारी आंदोलन का है। उर्वरक वितरण में 35%, उर्वरक उत्पादन में 25%, चीनी उत्पादन में 35% से अधिक, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में सहकारिता का हिस्सा 15% को छू रहा है। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में कईं सारे पहल किए हैं। सबसे पहले संवैधानिक ढांचे के भीतर राज्य और केंद्र के अधिकारों में खलल डाले बगैर सहकारिता कानून में एक समानता लाने का प्रयास नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है।