knews desk, थोक महंगाई दर मार्च में घटकर 1.34% पर आ गई है। यह 29 महीने का निचला स्तर है। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% रही थी। जनवरी 2023 में थोक महंगाई दर 4.73% थी। गेहूं, दालें और फ्यूल जैसी चीजों के सस्ते होने से महंगाई में ये गिरावट आई है। अक्टूबर 2020 में यह 1.31% पर थी।
इससे पहले पिछले सोमवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए थे, जिनके मुताबिक मार्च 2023 में यह घटकर 5.66% पर आ गई है।
खाने-पीने का सामान हुआ सस्ता
मार्च में थोक महंगाई दर में गिरावट खाने-पीने के सामान, टेक्सटाइल्स, नॉन-फूड आर्टिकल्स, मिनरल्स, रबर और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट के चलते आई है। वहीं क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, पेपर और पेपर प्रोडक्ट्स की कीमतें कम होने से भी महंगाई कम हुई है।
- मार्च में रोजमर्रा की जरूरत के सामानों की थोक महंगाई 3.28% से घटकर 2.40% पर आ गई
- ईंधन और बिजली की थोक महंगाई फरवरी के 14.82% से गिरकर 8.96% पर आ गई है
- मेन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई भी 1.94% से गिरकर निगेटिव जोन में चली गई है
- फरवरी में खाने के सामान की थोक महंगाई दर 2.76% थी, ये मार्च 2.32% पर आ गई है
बीते एक साल सस्ता हुआ गेहूं
मार्च में गेहूं की थोक महंगाई दर 9.16% रही है, जबकि साल भर पहले मार्च 2022 में ये 14.04% थी। दालों की थोक महंगाई 3.03% है। दूध की थोक महंगाई पिछले साल के 4.12% से बढ़कर इस साल मार्च 2023 में 8.48% रही है।
15 महीने के निचले स्तर पर आई रिटेल महंगाई
मार्च में खुदरा महंगाई 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। खुदरा महंगाई मार्च में 5.66% रही जो फरवरी में 6.44% थी। सरकार द्वारा 12 अप्रैल को जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खुदरा महंगाई दर RBI के 6% ऊपरी सीमा से नीचे गिर गई है। खाने-पीने के सामान के दामों में गिरावट आने से महंगाई घटी है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के बास्केट में लगभग आधी हिस्सेदारी खाद्य पदार्थों की होती है।