KNEWS DESK – शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आगामी निकाय चुनावों को लेकर एनसीपी-शरद पवार गुट (एनसीपी-एसपी) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पुणे नगर निगम चुनाव में अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार गुट के बीच किसी भी तरह का समझौता, दरअसल भाजपा के साथ हाथ मिलाने जैसा होगा।
मीडिया से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि वह जल्द ही एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे और पुणे नगर निगम चुनाव समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। राउत ने दो टूक कहा कि अजित पवार के साथ गठबंधन का मतलब भाजपा को मजबूत करना है, क्योंकि अजित पवार की राजनीति सीधे तौर पर भाजपा के हितों के साथ जुड़ी हुई है।
अजित पवार गुट पर तीखा प्रहार
संजय राउत ने अजित पवार की पार्टी की मौजूदा स्थिति को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि एनसीपी (अजित पवार गुट) का राजनीतिक पतन साफ नजर आ रहा है। राउत ने मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए हाल ही में धनंजय मुंडे की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वाल्मीकि अभी भी कराड जेल में हैं और मामला खत्म नहीं हुआ है। राउत ने दावा किया कि उन्हें नहीं लगता कि देवेंद्र फडणवीस गंभीर आरोपों में घिरे लोगों को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल करने जैसा कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में एक ही गुट के दो मंत्रियों को भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के आरोपों के चलते पद छोड़ना पड़ा, जो सरकार के लिए बड़ा धब्बा है।
सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप
संजय राउत ने आरोप लगाया कि सरकार यह संदेश देना चाहती है कि भ्रष्ट लोगों को पूरा संरक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जो भी भ्रष्ट नेता, विधायक, सांसद या मंत्री हैं, वे सत्ताधारी दल में शामिल हो जाएं और उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्वीकार कर लिया है और उसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेज दिया गया है। फिलहाल, खेल विभाग का प्रभार अजित पवार संभालेंगे।
गठबंधन को लेकर स्पष्ट रुख
राउत ने दोहराया कि अजित पवार के साथ गठबंधन का मतलब भाजपा के साथ गठबंधन है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर शरद पवार से खुलकर चर्चा करेंगे। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि राज ठाकरे से भी बातचीत जारी है और कांग्रेस की ओर से भी सकारात्मक संदेश मिला है।