लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को मिली रिहाई | हाथरस के बाद जनता को भड़काने जैसे कई आरोपों में गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 2 साल बाद हाईकोर्ट ईडी मामले में जमात दे दी है।
कप्पन समेत चार लोगों को यूपी पुलिस ने अक्टूबर 2020 में मथुरा से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने सिद्दीकी पे आरोप लगाया था कि वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जुड़े हुए थे और लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे।
कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे।
कप्पन आईपीसी की धारा 153ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 124ए (देशद्रोह), 120बी (साजिश), यूएपीए के तहत जेल में बंद थे।
कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर 2020 में उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस जा रहे थे। हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप कर हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को सशर्त जमानत दी थी। कप्पन को उत्तर प्रदेश की जेल से छूटने के बाद अगले 6 हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा, इसके बाद वे केरल जा सकेंगे। इसके अलावा हर सोमवार को उन्हें पुलिस स्टेशन में हाजिरी देना होगा, साथ ही अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा।
मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए
जेल से रिहा होने के बाद कप्पन ने कहा, “मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं, सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए थे। अब बाहर आकर मैं बहुत खुश हूं”।
मीडिया ने जब उनसे पूछा कि वह हाथरस क्या करने गए थे तो उनका कहना था कि रिपोर्टिंग करने गया था, और मेरे साथ जो बाकी लोग थे वह छात्र थे। पुलिस द्वारा की गई बरामदगी के बारे में उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त उनके पास एक लैपटॉप और मोबाइल था। जबकि साथ वाले लोगों के पास दो पेन और एक नोटपैड थे।