KNEWS DESK… ओड़िशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में गिरफ्तार तीनों रेल अधिकारियों को जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है। लेकिन कोर्ट में CBI ने खुलासा किया कि भारतीय रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मेहता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार ने हादसे के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की थी। जिसके बाद मामले में सबूत मिटाने की धारा भी जोड़ दी गई है। बता दें कि उक्त तीनों आरोपी CBI द्वारा 7 जुलाई को गिरफ्तार किए गए थे। जिसके बाद से वह पुलिस रिमांड पर थे। अब उन्हें जुडिशल कस्टडी में भेज दिया गया है।
दरअसल आपको बता दें कि CBI ने उक्त आरोपियों को सीबीआई स्पेशल कोर्ट में पेश कर पहले करीब 5 दिन का रिमांड हासिल की थी। रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में CBI को कुछ अहम सबूत मिले, जिसके आधार पर CBI को पूछताछ के लिए और समय चाहिए था। कोर्ट में CBI ने तीनों की रिमांड अवधि बढ़ाए जाने की मांग की थी। दोबारा CBI स्पेशल कोर्ट में न्यायाधीश ने 4 दिन की और रिमांड ग्रांट कर दिया। कुल 9 दिन रिमांड पर रहने के बाद तीनों अधिकारी जुडिशल कस्टडी में भेज दिए गए हैं।
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CBI स्पेशल कोर्ट में अगली सुनवाई 27 जुलाई होगी
जानकारी के लिए बता दें कि CBI ने यह केस IPC की धारा 304 यानी गैर इरादतन हत्या, 153 और रेलवे एक्ट के तहत दर्ज किया था। सभी आरोपियों से करीब 9 दिन हुई पूछताछ के बाद केस में CBI ने IPC की धारा 201 यानी सबूत मिटाना की धारा भी जोड़ दी है। CBI मानकर चल रही है कि उक्त तीनों आरोपियों द्वारा बालासोर हादसे के सबूत मिटाने की कोशिश की थी। मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को CBI स्पेशल कोर्ट में होगी।