बिहार में अखिलेश यादव की हुंकार, तेजस्वी को बताया CM का चेहरा, कहा – अबकी बार, बीजेपी बिहार से बाहर

KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बिहार की राजनीति को गरमाते हुए विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक को और मजबूती देने का संकेत दिया। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में भाग लेते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का योग्य चेहरा बताया और बीजेपी पर करारा हमला बोला।

जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या तेजस्वी यादव इंडिया ब्लॉक की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, तो अखिलेश यादव ने बिना किसी संकोच के कहा, “तेजस्वी जी ने यहां अपना काम दिखाया है। उनसे बेहतर चेहरा और क्या हो सकता है? हम उन्हें अपने पूरे अनुभव से मदद करेंगे।”

इस बयान को बिहार में विपक्ष की एकता की ओर एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, जिससे यह साफ है कि लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की तैयारी भी तेज हो चुकी है।

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां को लेकर दिए गए बयानों पर अखिलेश ने साफ कहा, “कोई भी प्रधानमंत्री, किसी भी महिला या मां के खिलाफ नहीं बोल सकता। यह चुनाव SIR के बारे में है।”

उन्होंने SIR को विस्तार से समझाते हुए कहा कि यह बीजेपी की वह योजना है जिसके तहत

  • SIR = Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण)
  • पहले वोटर लिस्ट से नाम काटे जाते हैं,
  • फिर राशन कार्ड से नाम हटाया जाता है,
  • जाति प्रमाणपत्रों को खारिज किया जाता है,
  • आरक्षण खत्म किया जाता है,
  • और अंततः लोगों को ज़मीन, मकान, खेत तक से बेदखल किया जाता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि “बीजेपी गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने में लगी है। यही उनका असली एजेंडा है।”

बिहार की जनता को जागरूक बताते हुए अखिलेश यादव ने आह्वान किया कि जैसे उत्तर प्रदेश में अवध क्षेत्र में बीजेपी को हराया गया, वैसे ही बिहार के लोग मगध में बीजेपी को हराएं।
उन्होंने नारा दिया “अबकी बार, बीजेपी बिहार से बाहर।”

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए उसे “जुगाड़ आयोग” करार दिया और आरोप लगाया कि
“बीजेपी ने लोकतंत्र की संस्था को भी अपने हितों के लिए इस्तेमाल किया है। जनता को अब अपना वोट और अधिकार दोनों बचाने होंगे।”

सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि अब जनता समझ चुकी है कि वोट कैसे छीने जाते हैं, और इस बार वह पूरे सतर्कता से मतदान करेगी और तब तक चैन नहीं लेगी जब तक जीत का प्रमाणपत्र हाथ में नहीं होगा।