डिजिटल डेस्क- 10 नवंबर को दिल्ली में हुए भयावह कार ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। राजधानी को दहलाने वाली इस घटना के बाद अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। धमाके के मुख्य आरोपी डॉ. उमर-उल-नबी का एक पुराना, बिना तारीख वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह सुसाइड बॉम्बिंग को “शहादत” बताते हुए इसे “गलत समझा गया” कहता नजर आ रहा है। इस वीडियो ने इस वारदात के पीछे की सोच और संभावित नेटवर्क को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल वीडियो पर एआईएमआईए प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने कहा कि आत्महत्या इस्लाम में हराम है और बेगुनाहों की हत्या सबसे बड़ा गुनाह। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ऐसे कृत्य न धर्म से जुड़े हैं और न ही किसी गलतफहमी का नतीजा हैं, बल्कि यह साफ-साफ आतंकवाद है। ओवैसी ने उमर-उल-नबी की सोच को बीमार मानसिकता बताते हुए कहा कि इसे किसी भी रूप में जस्टिफाई नहीं किया जा सकता।
केंद्र सरकार पर सवाल उठाए
ओवैसी ने इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को घेरते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने संसद में दावा किया था कि पिछले छह महीनों में कोई भी कश्मीरी युवक किसी आतंकी संगठन में शामिल नहीं हुआ। अगर यह दावा सही था, तो फिर “ये ग्रुप आया कहां से? इसकी पहचान पहले क्यों नहीं हुई? सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?” उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली की सुरक्षा सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन है, ऐसे में इस चूक की जिम्मेदारी किसकी है, इसका जवाब सरकार को देना होगा। इसी बीच एनआईए ने जांच तेज करते हुए मंगलवार को जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को 10 दिन की हिरासत में लिया है। एजेंसी के अनुसार, जासिर ड्रोन मॉडिफाई करता था, रॉकेट बनाने की कोशिश करता था और आतंकियों को तकनीकी सहयोग देता था। वह डॉ. उमर-उल-नबी का बेहद करीबी बताया जा रहा है और दोनों ने मिलकर इस पूरी वारदात की साजिश रची थी। NIA को शक है कि इन दोनों के संपर्क देश विरोधी संगठनों से थे और इनके नेटवर्क का दायरा काफी बड़ा हो सकता है।
ओवैसी का अंतिम सवाल
ओवैसी ने यह भी पूछा कि आरोपी का वायरल वीडियो 6–7 महीने पुराना बताया जा रहा है। “अगर यह वीडियो इतना पुराना था, तो इसे किसी सुरक्षा एजेंसी ने पहले क्यों नहीं पकड़ा? क्या खुफिया तंत्र की निगरानी कमजोर थी?”
उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे हाई-सेक्योरिटी ज़ोन में ऐसी चूक गंभीर चिंता का विषय है और केंद्र सरकार को जनता के सामने सत्य लाना चाहिए।