अहमदाबाद: 8वीं के छात्र ने 10वीं के छात्र की हत्या की, गुस्साए लोगों ने स्कूल में की तोड़फोड़

KNEWS DESK- शहर के मणिनगर पूर्व इलाके में स्थित सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च स्कूल में मंगलवार को हुई एक छात्र की मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए। स्कूल परिसर हिंसा और बवाल का केंद्र बन गया। गुस्साई भीड़ ने स्कूल में जबरदस्त तोड़फोड़, सड़क पर प्रदर्शन और पुलिस पर हमला कर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।

घटना उस समय भड़की जब कक्षा 8वीं के एक छात्र ने बहस के दौरान कक्षा 10वीं के छात्र पर चाकू से हमला कर दिया, जिसके चलते घायल छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद परिजनों और सिंधी समाज के लोगों ने स्कूल पर हमला बोल दिया।

छात्र की मौत की खबर जैसे ही फैली, सैकड़ों लोग स्कूल परिसर में जमा हो गए। देखते ही देखते भीड़ ने स्कूल की संपत्ति को निशाना बनाना शुरू कर दिया। भीड़ ने स्कूल बसों, कारों और दोपहिया वाहनों में तोड़फोड़ की।

प्रिंसिपल और कर्मचारियों को निशाना बनाते हुए भीड़ ने मारपीट की, यहां तक कि एक कर्मचारी को पकड़कर ज़मीन से ऊपर तक खींच लिया गया। खिड़कियां, दरवाजे और फर्नीचर तोड़ डाले गए, जिससे स्कूल को भारी नुकसान हुआ।

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन भीड़ ने पुलिस को भी नहीं बख्शा। जब पुलिस ने कर्मचारियों को बचाने की कोशिश की, तो भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और पुलिस वाहन पलटने की कोशिश की।

स्कूल के बाहर लगभग 2,000 लोग जमा हो गए, जिन्होंने ‘पुलिस मुर्दाबाद’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। बजरंग दल, विहिप और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य भी भगवा गमछा पहनकर मौके पर पहुंचे। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

स्थिति को देखते हुए मणिनगर के विधायक, डीसीपी बलदेव देसाई और एसीपी खुद मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन भारी भीड़ और बढ़ते तनाव को काबू में लाना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया।

प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि छात्र की मौत की गहन जांच की जाएगी और दोषी पर सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, चश्मदीदों के बयान और अन्य सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं।

यह घटना सिर्फ एक आपराधिक वारदात नहीं है, बल्कि यह स्कूल सुरक्षा, किशोर अपराध, भीड़तंत्र और सामाजिक तनावों पर कई सवाल खड़े करती है। स्कूलों में सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? और यदि कोई घटना हो भी जाए, तो क्या हिंसा उसका जवाब हो सकती है?