डिजिटल डेस्क- राहुल गांधी के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर वोट चोरी के सनसनीखेज आरोपों और उससे जुड़े सबूतों को मीडिया के सामने रखने के बाद पूरे देश में हलचल मच गई है। राहुल के इन आरोपों के बाद पूरे देश में चुनाव आयोग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े होते हुए उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं अपने ऊपर लगे इन आरोपों के लिए पहले तो चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से शपथपत्र की मांग की थी पर राहुल के द्वारा इस मांग को न मानने के बाद चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को बातचीत के लिए सोमवार दोपहर 12 बजे का बुलाया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को लिखे एक पत्र में भारत के चुनाव आयोग के सचिवालय ने कहा कि आयोग ने आपके अनुरोध पर विचार करते हुए बातचीत के लिए समय देने का निर्णय लिया है।
30 नेताओं के नाम देने के लिए जारी किया पत्र
निर्वाचन आयोग की तरफ से भेजे पत्र में कहा गया है कि आपके दिनांक 10.08.2025 के पत्र का संदर्भ देने और यह बताने का निर्देश हुआ है कि आयोग ने उसमें किए गए अनुरोध पर विचार किया है और दोपहर 12:00 बजे बातचीत के लिए समय देने का निर्णय लिया है। पत्र में आगे कहा गया कि स्थान की कमी के कारण, कृपया वाहन संख्या सहित अधिकतम 30 व्यक्तियों के नाम election@eci.gov.in पर ई-मेल पर सूचित करें। यह मीटिंग निर्वाचन सदन के सुकुमार हॉल में होगी।

सामने रख दी ये शर्त
इसके साथ एक शर्त भी रख दी है कि 30 से ज्यादा लोग मुलाकात के लिए नहीं आएंगे। इसके अलावा उनके वाहनों के नंबर भी पहले से मुहैया करा दिए जाएं ताकि पार्किंग आदि की व्यवस्था हो सके। चुनाव आयोग की ओर से लिखे पत्र में मीटिंग का एजेंडा स्पष्ट नहीं है। बता दें कि विपक्ष लगातार मांग उठा रहा है कि बिहार में आयोग की ओर से चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को खत्म किया जाए। राहुल गांधी तो लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक में एक लाख वोटों की चोरी का आरोप राहुल गांधी ने लगाया था। इस पर एक एफिडेविट आयोग ने राहुल गांधी को भेजा था।