डिजिटल डेस्क- राजधानी दिल्ली के प्रशासनिक नक्शे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव की शुरुआती मंजूरी दे दी है। इस बदलाव के बाद दिल्ली में अब 11 राजस्व जिलों की जगह 13 जिले होंगे और सब-डिवीजन की संख्या 33 से बढ़कर 39 हो जाएगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कामकाज को सरल बनाना और विभागों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है। अधिकारियों का कहना है कि इससे अधिकार क्षेत्र से जुड़ी उलझनें खत्म होंगी और आम लोगों की शिकायतों का निपटारा भी तेज़ी से किया जा सकेगा।
उपराज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद किया जाएगा लागू
नई योजना के तहत दिल्ली नगर निगम (MCD) के अलग-अलग जोन को राजस्व जिलों के साथ जोड़ा जाएगा। NDMC और दिल्ली छावनी के इलाके नई दिल्ली जिले में शामिल किए जाएंगे। प्रस्ताव तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट और उपराज्यपाल (LG) की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा।
वर्तमान में 11 राजस्व जिले हैं दिल्ली सीमा में
दिल्ली का वर्तमान प्रशासनिक ढांचा कई हिस्सों में बंटा हुआ है। वर्तमान में 11 राजस्व जिले हैं, जिनका संचालन जिला मजिस्ट्रेट (DM) करते हैं। वहीं, MCD 12 जोन में बंटा हुआ है, जिन्हें डिप्टी कमिश्नर संभालते हैं। नई दिल्ली जिले में NDMC का लुटियंस जोन अलग इकाई के रूप में काम करता है। मौजूदा व्यवस्था में कई MCD जोन और राजस्व जिले ओवरलैप करते हैं, जिससे काम में देरी और अधिकार क्षेत्र विवाद पैदा होते हैं।
शहादरा जिले में बदलाव की सबसे ज्यादा संभावना
मौजूदा 12 MCD जोन हैं – सेंट्रल, सिटी सदर-पहाड़गंज, सिविल लाइंस, करोल बाग, केशवपुरम, नजफगढ़, नरेला, रोहिणी, शाहदरा उत्तर, शाहदरा दक्षिण, साउथ और वेस्ट। प्रशासन के दस्तावेजों के अनुसार, शाहदरा जिले में सबसे ज्यादा बदलाव की संभावना है। इसके अलावा, दक्षिण-पूर्वी और बाहरी दिल्ली (उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम) की सीमाओं में भी बदलाव किया जा सकता है।