दिल्ली, हिंडगबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष अडानी को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है. जिसको लेकर विपक्ष ने संसद से ED ऑफिस तक मार्च निकाला और सरकार से JPC का गठन कर अडानी मामले में पर जांच की मांग कर रही है. लेकिन विपक्ष के इस मार्च में TMC और NCP ने दूरी बनाई रखी.
भारत के मशहूर कारोबारी गौतम अडाणी के खिलाफ विपक्ष लगातार हमलावर है। सरकार पर उन्हें संरक्षण देने के आरोप लगा रहा है। इस बीच 18 विपक्षी दलों के सांसद इसी मामले पर संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय तक मार्च निकाल रहे हैं। यहां वे जांच एजेंसी को एक शिकायत सौंपेंगे। हालांकि, विपक्ष को उस समय झटका लगा जब शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की टीएमसी ने खुद को इस मार्च से अलग कर लिया। आपको यह भी बता दें कि दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही इनके मार्च को रोक दिया गया है
‘गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी पर भी है आरोप’
विपक्षी दलों के ज्ञापन के मुताबिक गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी और उनके एसोसिएट पर भी इस नेटवर्क को स्थापित करने का आरोप है. AdiCorp नाम की कंपनी को काफी तादाद में पैसा दिया गया जिसके फाइनेंसियल दस्तावेज इस राशि की तस्दीक नहीं करते हैं.
विपक्षी दलों ने की बैठक
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन परिसर में स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की.
विपक्ष की मांग संयुक्त संसदीय समिति का गठन हो
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमला कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए गंभीर आरोप
गौरतलब है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे. अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है.