अरविंद केजरीवाल की जगह राजिंदर गुप्ता जाएंगे राज्यसभा, आम आदमी पार्टी ने घोषित किया राज्यसभा प्रत्याशी

डिजिटल डेस्क- पंजाब के प्रमुख उद्योगपति और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता को आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) ने उनके नाम की औपचारिक घोषणा की। यह उपचुनाव 24 अक्तूबर को आयोजित किया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घोषणा करते हुए कहा कि गुप्ता को राज्यसभा की रिक्त सीट के लिए नामांकित किया गया है। आने वाले सप्ताह में वे अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

दिया दोनों पदों से इस्तीफा

इससे पहले राजिंदर गुप्ता ने अपने दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे राज्य आर्थिक नीति एवं योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और श्री काली देवी सलाहकार समिति (पटियाला) के चेयरमैन थे। गुप्ता लंबे समय से पंजाब की नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में प्रभावशाली नाम रहे हैं। उन्हें 2022 में आप सरकार द्वारा योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसी वर्ष अगस्त में उन्हें काली देवी मंदिर सलाहकार समिति का प्रमुख बनाया गया। इसके पहले भी वे कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों के दौरान योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष/डिप्टी चेयरमैन रह चुके हैं और कई बार उन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा भी मिला।

राजिंदर गुप्ता की जीत लगभग सुनिश्चित

पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी का दबदबा है। 117 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के पास 93 विधायक हैं। ऐसे में गुप्ता की जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है, क्योंकि राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए केवल 60 मतों की आवश्यकता होती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब इस बार भी अपनी परंपरा के अनुसार “निर्विरोध राज्यसभा चुनाव” की प्रक्रिया को बनाए रख सकता है।

संजय अरोड़ा के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट

यह रिक्त सीट उस समय खाली हुई थी जब राज्यसभा सदस्य संजय अरोड़ा ने इस वर्ष की शुरुआत में लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। अरोड़ा ने उपचुनाव जीतने के बाद भगवंत मान मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ ली। राजिंदर गुप्ता की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उनके अनुभव और प्रशासनिक पृष्ठभूमि से आप को राज्यसभा में मजबूत स्थिति मिलेगी। गुप्ता की छवि एक प्रभावशाली उद्योगपति और प्रशासनिक विशेषज्ञ के रूप में है, जो नीति निर्माण और प्रबंधन में दक्ष माने जाते हैं। उनकी उपस्थिति राज्यसभा में पार्टी की रणनीतिक ताकत को और बढ़ाएगी।