‘एक बहन के आंसू शब्द बनकर सबको झकझोर रहे हैं, लेकिन…’, अनुज सिंह के एनकाउंटर पर सपा ने उठाए सवाल

KNEWS DESK- सुल्तानपुर में हुई डकैती के मुख्य आरोपी अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए अनुज की बहन का एक भावनात्मक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “शोक में डूबी एक बहन के आंसू हर किसी को झकझोर रहे हैं, लेकिन हृदयहीन लोगों के लिए इनका कोई महत्व नहीं।”

अखिलेश यादव का फर्जी एनकाउंटर पर सवाल

अखिलेश यादव ने अनुज के एनकाउंटर को फर्जी करार दिया और कहा कि यह नाइंसाफी है। उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं। यादव का यह बयान राजनीतिक रूप से संवेदनशील स्थिति में आ गया है, खासकर जब उन्होंने जातीय विशेष पर निशाना साधा। इस पर अनुज के पिता धर्मराज ने जवाब देते हुए कहा कि “एनकाउंटर में ठाकुर के मारे जाने से अखिलेश की इच्छा पूरी हो गई।”

अनुज की बहन का बयान

अनुज की बहन अमीषा ने भी इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर करने वालों पर भी केस होना चाहिए और न्यायालय ही सजा का फैसला करेगा, न कि एसटीएफ या पुलिस।

चांदी बेचने की कोशिश में अनुज का एनकाउंटर

सूत्रों के अनुसार, अनुज प्रताप सिंह उन्नाव के शुक्लागंज में चार किलो चांदी बेचने की योजना बना रहा था। स्थानीय सराफा कारोबारी को अनुज की गतिविधियों पर संदेह हुआ, जिसके बाद व्यापार मंडल ने इस मामले की सूचना एसटीएफ को दी।

डकैती का मास्टरमाइंड और अन्य आरोपी

डकैती के मास्टरमाइंड विपिन सिंह को पहले ही रायबरेली कोर्ट में सरेंडर करने के बाद जेल भेज दिया गया था। अन्य आरोपियों को पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में गिरफ्तार किया था। हाल ही में हुई मुठभेड़ में ढाई किलो सोना और 30 किलो चांदी बरामद किया गया था।

सियासी बयानबाजी जारी

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आरोप लगाया कि यूपी में विशेष जातियों के एनकाउंटर हो रहे हैं, जिसमें मुस्लिम, यादव और ब्राह्मण शामिल हैं। यह स्थिति सियासी विवाद को और बढ़ा सकती है, खासकर जब इरफान सोलंकी जैसे नेताओं का परिवार भी सरकार के उत्पीड़न का शिकार बन रहा है।

गांव में सन्नाटा

सुल्तानपुर डकैती के अन्य आरोपियों के परिजनों में भी डर का माहौल है। अरबाज और फुरकान के परिजनों ने अनहोनी का डर जताया है, जबकि गांव में सन्नाटा छा गया है। अरबाज का परिवार भी उसकी तलाश में है, जो पिछले डेढ़ साल से घर नहीं आया है।

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