अयोध्या में 25 नवंबर को होगा भव्य ध्वजारोहण समारोह, सेना की निगरानी में शुरू हुआ ट्रायल, 26 नवंबर से आम श्रद्धालुओं को मिलेंगे दर्शन

KNEWS DESK- रामनगरी अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में 25 नवंबर को ऐतिहासिक भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा। मंदिर परिसर में इस आयोजन की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को बैठक से पहले तैयारियों का विस्तृत ब्योरा साझा किया।

मिश्र ने बताया कि 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह के दौरान आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे। यह दिन मंदिर निर्माण यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय होगा। मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज आस्था और पूर्णता का प्रतीक होगा, जो श्रीराम जन्मभूमि निर्माण की ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाएगा।

चूंकि यह आयोजन तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण है, इसलिए इसकी तैयारी भारतीय सेना के सहयोग से की जा रही है। लगभग 11 किलो वजनी, 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा ध्वज मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले ही इसका रिहर्सल पूरा कर रिपोर्ट ट्रस्ट को सौंप दी है।

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वज के निर्माण में विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसे पैराशूट फैब्रिक से बनाया जाएगा ताकि ऊंचाई पर भी यह मजबूती से लहराता रहे। ध्वज पर कोबेदार वृक्ष और भगवान सूर्य का प्रतीक अंकित होगा, जो दिव्यता, शक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करेगा।

मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह के अगले दिन यानी 26 नवंबर से आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। ध्वजारोहण के दिन लगभग आठ हजार श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से उस दिन परकोटा और सप्त मंदिरों में दर्शन नहीं होंगे।

मंदिर परिसर में अब कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। केवल रेलिंग, म्यूरल लगाने और सुंदरीकरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ट्रस्ट ने कहा कि अब सारा ध्यान मंदिर परिसर को अंतिम रूप देने और श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर केंद्रित है।