महाशिवरात्रि के एक दिन पहले प्राचीन शिव मंदिर से चोरी हुई शिवलिंग, जांच जारी

KNEWS DESK,  गुजरात के देवभूमि द्वारका से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है। यहां के प्राचीन श्री भीड़भंजन भवानीश्वर महादेव मंदिर से महाशिवरात्रि से एक दिन पहले एक ‘शिवलिंग’ चोरी हो गया। इसके बाद पुलिस और अन्य एजेंसियों ने इस चोरी की जांच के लिए अभियान शुरू कर दिया है।

शिवलिंग चोरी की घटना ने पुजारी को चौंकाया

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना कल्याणपुर में स्थित श्री भीड़भंजन भवानीश्वर महादेव मंदिर में हुई, जो अरब सागर के किनारे और प्रसिद्ध हर्षिद्धि माताजी मंदिर के पास है। मंदिर के पुजारी को जब यह पता चला कि शिवलिंग अपनी जगह से उखाड़कर चोरी कर लिया गया है, तो वह हैरान रह गए।

चोरी किए गए शिवलिंग की खोज में पुलिस ने शुरू किया अभियान

देवभूमि द्वारका के एसपी नितेश पांडे ने ANI को बताया, “भीड़भंजन भवानीश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने पुलिस को सूचित किया कि किसी ने मंदिर से शिवलिंग चुरा लिया है। इस मामले की जांच के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं और हम इसे लेकर गंभीरता से जांच कर रहे हैं।” पुलिस को यह संदेह है कि शिवलिंग को समुद्र में छिपा दिया गया हो, इसलिए विशेषज्ञ स्कूबा गोताखोरों और तैराकों को बुलाया गया है।

शिवलिंग को समुद्र में फेंके जाने की आशंका

पुलिस निरीक्षक आकाश बरसैया ने कहा, “मंदिर में बाकी सभी वस्तुएं अपनी जगह पर सुरक्षित थीं। शिवलिंग का आधार पास के समुद्र तट पर पड़ा मिला, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि शिवलिंग को समुद्र में फेंका गया हो। इसके लिए हमने स्कूबा डाइवर्स की एक टीम को बुलाया है, जो समुद्र में चोरी हुए शिवलिंग की खोज करेगी।”

विभिन्न टीमें कर रही हैं मामले की जांच

पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए स्थानीय अपराध शाखा, विशेष अभियान समूह और स्थानीय पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वाड को भी जांच में शामिल किया गया है। चोरी की घटना को लेकर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 305 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और खोज अभियान चलाया जा रहा है।

महाशिवरात्रि से एक दिन पहले हुई चोरी

पुजारी ने बताया कि जब वह मंदिर परिसर में पहुंचे, तो उन्होंने दरवाजा खुला पाया। अंदर जाकर देखा तो शिवलिंग अपनी जगह से गायब था। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। यह घटना महाशिवरात्रि से एक दिन पहले हुई है, जो भगवान शिव के सम्मान में हर साल मनाया जाता है। यह प्राचीन मंदिर सदियों पुराना माना जाता है, और शिवलिंग को भगवान शिव की ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जिसे सृजन, संरक्षण और विनाश का प्रतीक माना जाता है।

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