हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी कमेटी, परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी, जल्द लागू हो सकती है डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश पर एक विशेष कमेटी का गठन किया है। माना जा रहा है कि यह कदम प्रदेश के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम लागू करने की दिशा में प्रारंभिक तैयारी है।

शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट किया है कि उन्हें डिजिटल उपस्थिति प्रणाली से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार को पहले आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यदि सरकार ई-अटेंडेंस लागू करना चाहती है तो पहले शिक्षकों को ईएल (अर्जित अवकाश), सीएल (कैजुअल लीव), हाफ डे और चिकित्सा अवकाश सुविधा उपलब्ध करानी होगी।

उन्होंने कहा, “शिक्षक किसी भी व्यवस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी आपात स्थिति या स्वास्थ्य कारण से समय पर विद्यालय नहीं पहुंच पाते, तो उन्हें छुट्टियों का उपयोग करने की सुविधा मिलनी चाहिए। तभी डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था व्यावहारिक रूप से सफल हो सकेगी।”

इस बीच अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने टीईटी अनिवार्यता के विरोध में आंदोलन का ऐलान किया है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर देशभर के शिक्षक धरना देंगे।

संघ ने अपने पदाधिकारियों को व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। पांडेय ने कहा, “अगर केंद्र सरकार 11 दिसंबर तक कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो फरवरी 2026 में रामलीला मैदान से संसद तक विशाल रैली निकाली जाएगी, जिसमें पूरे देश के शिक्षक शामिल होंगे।”

शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति व्यवस्था को लेकर शिक्षा विभाग में तैयारी तेज हो गई है। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद डिजिटल अटेंडेंस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाने की संभावना है।

सरकार का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है, जबकि शिक्षक संगठन इसे पारदर्शिता के साथ सुविधाओं के संतुलन से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।