KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 12 नवंबर को होगी। पहले इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे पहले यानी मंगलवार को ही किया जाएगा। इस बदलाव से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में उम्मीदों का संचार हुआ है, जिन्होंने सोमवार को एक बैठक आयोजित कर आगामी रणनीति पर चर्चा की और जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जताई।
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अक्टूबर महीने से चल रहा है, और अब तक इस पर एक सुनवाई हो चुकी है। सीजेआई (मुख्य न्यायाधीश) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई थी। इसके बाद से मामले की तारीखें लगातार बदलती रही हैं, और दिवाली के आसपास अगली सुनवाई 15 नवंबर को प्रस्तावित की गई थी। अब यह सुनवाई 12 नवंबर को ही आयोजित की जा रही है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच द्वारा की जाएगी।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का संघर्ष
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप और प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने बैठक में कहा कि वे 2020 से इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन चार साल बाद भी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिल सका है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर इस मामले को कोर्ट-कचहरी के चक्कर में उलझाए हुए है, जबकि सरकार चाहें तो एक ही दिन में इसका निस्तारण कर सकती है। उनके अनुसार, सरकार याची लाभ का प्रस्ताव देकर इस विवाद का शीघ्र समाधान कर सकती है।
अमरेंद्र पटेल, जो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से इस मामले की लड़ाई लड़ रहे हैं, ने कहा, “हम पूरी तैयारी के साथ हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से जल्द न्याय मिलेगा।” वे यह भी मानते हैं कि अब तक की कानूनी लड़ाई में सरकार की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट से जल्द सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताई जा रही है।
चयनित वर्ग भी तैयारी में
वहीं, चयनित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में होने वाली इस सुनवाई के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वे भी इस मामले में अपनी पक्ष को कोर्ट के सामने रखने के लिए तैयार हैं और इस सुनवाई को लेकर आशान्वित हैं कि इसका परिणाम उनके पक्ष में होगा।
यह मामला खासतौर पर तब चर्चा में आया था जब राज्य सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती के लिए आरक्षण लागू किया था, और इसके बाद से विभिन्न वर्गों के अभ्यर्थियों के बीच विवाद शुरू हो गया था। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लंबे समय से इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं।
अब जब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 12 नवंबर को होगी, तो इससे मामले के हल होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस मामले में किसी भी प्रकार का निर्णय आने से पहले सभी पक्ष अपने-अपने तर्क और साक्ष्य पेश करेंगे, जिससे भविष्य में इस विवाद का समाधान संभव हो सकेगा।
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