KKNEWS DESK – उत्तराखंड में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने सब्सिडी का लाभ पाने के लिए अपात्र घोषित कर दिया है, जिससे उद्यमियों में निराशा और रोष की लहर दौड़ गई है। हरिद्वार जिले की 251, ऊधमसिंहनगर की 134 और देहरादून की 95 इकाइयां इस निर्णय से प्रभावित हुई हैं।
केंद्र सरकार की औद्योगिक विकास स्कीम 2017
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 लागू की थी। इस योजना के तहत बड़ी संख्या में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुईं, जिसमें उद्यमियों ने अपने व्यवसाय का विस्तार भी किया। पहले ही 714 इकाइयों को सब्सिडी का लाभ मिला था, जिसमें उत्तराखंड की 350 यूनिट शामिल थीं।
रजिस्ट्रेशन में तकनीकी समस्याएं
हाल ही में, मंत्रालय ने 30 जुलाई 2024 को राज्य सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि उत्तराखंड की 620 इकाइयों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इस कारण ये इकाइयां स्कीम के लिए पात्र नहीं मानी गईं। बताया जा रहा है कि विभिन्न तकनीकी कारणों और रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन प्रक्रिया में देरी के चलते इन इकाइयों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है।
उद्यमियों की निराशा
उद्यमियों का कहना है कि निवेश करने के बाद भी सब्सिडी का लाभ न मिलना अत्यंत निराशाजनक है। हरिद्वार जिले के उद्यमियों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर सब्सिडी देने की मांग की है। औद्योगिक सलाहकार एवं पूर्व राज्यमंत्री ठाकुर संजय सिंह ने भी पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सभी निवेश करने वाली इकाइयों को सब्सिडी का लाभ दिलाने की अपील की है।
जिलेवार सब्सिडी से वंचित इकाइयां
उपरोक्त स्थिति के कारण निम्नलिखित जिलों में सब्सिडी से वंचित औद्योगिक इकाइयों की संख्या इस प्रकार है:
- हरिद्वार: 251
- ऊधमसिंहनगर: 134
- देहरादून: 95
- अल्मोड़ा: 29
- चमोली: 1
- चंपावत: 3
- गढ़वाल: 34
- नैनीताल: 37
- रुद्रप्रयाग: 3
- टिहरी: 24
- उत्तरकाशी: 3
उद्यमियों की इस निराशा के बीच, राज्य में निवेश के माहौल को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सभी की नजर अब सरकार की अगली कार्रवाई पर है, ताकि राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।