KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 14 जून को नीट पेपर लीक मामले में हुई सुनवाई में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज नहीं किया है। बता दें कि कोर्ट 8 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई में दूसरी याचिकाओं के साथ अलग- अलग हाईकोर्ट की ट्रांसफर अर्जियों को भी जोड़ा जाएगा।
बता दें कि जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने सीबीआई जांच की अर्जी खारिज करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट 8 जुलाई को सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। इस दौरान कोर्ट ये बात फिर दोहराई की नीट यूजी की काउंसलिंग निर्धारित समय पर चलेगी। उस पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षाओं को लेकर अन्य याचिकाओं पर भी एनटीए और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
बिहार पेपर लीक मामले में क्या हुआ?
5 मई को आयोजित हुई नीट परीक्षा में बिहार पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस की जांच में पेपर लीक को लेकर कई तथ्य सामने आए। बिहार पुलिस ने कहा कि आरोपियों से पहले ही आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं। जांच से पता चला है कि 5 मई की परीक्षा से पहले लगभग 35 उम्मीदवारों को नीट यूजी के प्रश्नपत्र और उनके उत्तर उपलब्ध कराए गए थे। पुलिस ने कहा कि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि वो लीक पेपर था या नहीं क्योंकि इसको लेकर एनटीए ने कोई जवाब नहीं दिया।
कैसे लगा पेपर लीक का पता?
पुलिस ने पेपर लीक मामले में सबसे पहले सिकंदर नाम के शख्स को पकड़ा था। उसके बारे में बिहार पुलिस को इनपुट मिला था। आरोपियों ने कई सेंटरों और सेफ हाउस ने पेपर सॉल्वर बिठाए थे। इनके पास पहले ही प्रश्नपत्र मौजूद थे। जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को अखिलेश और बिट्टू के साथ शास्त्री नगर पुलिस ने बेली रोड पर राजवंशी नगर मोड़ पर नियमित जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से कई नीट प्रश्नपत्र मिले थे। यादवेंदु द्वारा बताए गए इनपुट के आधार पर छापेमारी के दौरान आयुष, अमित और नितिश को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पेपर लीक को लेकर बिहार के नालंदा के संजीव सिंह को भी गिरफ्तार किया गया।