लोकसभा में बहुमत नहीं मिला इसलिए राज्यसभा में लेकर आये हैं बिल, कांग्रेस का सरकार पर बड़ा हमला

KNEWS DESK- 2 अप्रैल को देर रात 2 बजे तक चली लंबी बहस और लगभग 12 घंटे चली तकरार के बाद 3 अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पेश किया गया। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन की पटल पर इस बिल को पेश किया। राज्यसभा में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के सामने आरोप-प्रत्यारोप करते दिखाई दिए।

राज्यसभा में बिल पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज की स्थिति में, 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। वर्ष 2006 में, अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये संपत्तियां अब कितनी आय उत्पन्न कर रही होंगी? रिजिजू ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि विधेयक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करेगा। मैं कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन करने की अपील करता हूं।

वक्फ संशोधन बिल का नाम बदलकर उम्मीद किया जाएगा

राज्यसभा में बिल पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करते। वक्फ संशोधन विधेयक-2025 का नाम बदलकर उम्मीद (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) विधेयक रखा जाएगा।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि 2014 के आम चुनावों से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, 5 मार्च 2014 को यूपीए सरकार ने 123 प्रमुख संपत्तियों को गैर-अधिसूचित कर दिया और उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंप दिया। ये संपत्तियां आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की थीं।

विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही बातों को बताया निराधार

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 में इस कानून में संशोधन के लिए लाये गये विधेयक पर बनी जेपीसी और वर्तमान जेपीसी के कामकाज की तुलना करते हुए कहा कि उसकी तुलना में नयी समिति के सदस्यों की संख्या, बैठकों की संख्या, विचार विमर्श करने वाले राज्यों की संख्या बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये वक्फ मामलों में मुसलमानों के अलावा किसी अन्य का हस्तक्षेप नहीं होगा और इस बारे में जो भी भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं, वे निराधार हैं।

चैरिटी कमिश्नर की व्यवस्था की गई है बिल में

रिजिजू ने कहा कि विधेयक में जिस परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की व्यवस्था की गयी है, उसका काम केवल इतना है कि वक्फ बोर्ड और उसके तहत आने वाली जमीनों का प्रबंधन ठीक से हो रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि कि इसके माध्यम से सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने केरल उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक इकाई है और इसके मुतवल्ली की जिम्मेदारी धर्मनिरपेक्ष किस्म की है, धार्मिक किस्म की नहीं। उन्होंने कहा कि इन अदालतों के मुताबिक मुतवल्ली के ऊपर निगरानी रखने के लिए वक्फ बोर्ड बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले 5 मार्च 2014 को उस समय की संप्रग सरकार ने आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन 123 मुख्य संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया।

पांच साल से इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति ही कर सकेगा वक्फ

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2013 के संशोधन के अनुसार कोई भी व्यक्ति वक्फ कर सकता था लेकिन नए विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति ही जमीन वक्फ कर सकता है। नये विधेयक में इस्लाम के सभी फिकरों के सदस्यों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा। सरकार की मंशा इस विधेयक को समावेशी बनाना है। इस विधेयक के पारित होने के बाद लागू होने वाले कानून को नया नाम ‘उम्मीद’ (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एमपॉवरमेंट, एफिशियंसी एंड डवलपमेंट) अधिनियम दिया गया है, जिससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

रिजिजू के अनुसार कहा जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे अधिक संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो विश्व में सबसे अधिक संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है क्योंकि रेलवे और रक्षा विभाग की जमीन तो जनता की, देश की संपत्ति है। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यदि वक्फ से जुड़े मामले का समाधान निकल गया है तो इस विधेयक के प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू नहीं होंगे किंतु यदि कोई मामला अदालत में विचाराधीन है तो उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता।

नये बिल में 10 मुस्लमान होंगे, साथ ही दो महिलाओं की भी होंगी सदस्य

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे। इसमें चार से अधिक सदस्य गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। इसमें तीन सांसद होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक अधिवक्ता, विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे। उन्होंने कहा कि इनमें मुस्लिम समुदाय के जो 10 सदस्य होंगे उनमें दो महिलाएं होना जरूरी है।

इसी तरह राज्य वक्फ़ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे। इनमें तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे जिनमें से एक पदेन सदस्य होगा। एक अध्यक्ष होगा, एक सांसद, एक विधायक, 4 मुस्लिम समुदाय के सदस्य, पेशेवर अनुभव वाले दो सदस्य, बार काउंसिल का एक सदस्य, राज्य सरकार का संयुक्त सचिव शामिल होगा। मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो महिलाएं होंगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने तो यहां तक दावा कर दिया कि संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है। उन्होंने कहा कि कल्पना करिए कि यदि नरेन्द्र मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती तो देश की क्या स्थिति होती?

कांग्रेस ने लगाया ध्रुवीकरण का आरोप

कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने राज्यसभा में कहा कि भाजपा 2024 में बहुमत हासिल करने में विफल रही और अब वक्फ विधेयक लाकर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा 2024 का चुनाव हार गई क्योंकि वह अपने दम पर बहुमत हासिल करने में भी विफल रही और इसीलिए वे अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए यह विधेयक लेकर आए हैं। वे केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं। आप सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करते हैं, और फिर आप हम पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हैं। यह विधेयक पूरी तरह से झूठ पर आधारित है, और पिछले 6 महीनों में गलत सूचना अभियान चलाया गया है। भाजपा की फर्जी फैक्ट्री गलत सूचना फैलाने में लगी हुई है।

सैयद नसीर हुसैन ने आगे कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्षी सदस्यों द्वारा की गई किसी भी सिफारिश को वक्फ़ संशोधन विधेयक में शामिल नहीं किया गया। कांग्रेस के नसीर हुसैन ने राज्यसभा में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के खिलाफ है।

मंदिर में भी हो 80% आरक्षण

राज्यसभा सांसद संजय सिंह वक्फ बोर्ड में ‘गैर-मुसलमानों’ के प्रावधान का विरोध करते हुए संजय सिंह ने सरकार से मांग की कि देशभर के मंदिर ट्रस्टों में पिछड़ी जातियों के लोगों के लिए 80% आरक्षण देने वाला कानून पेश किया जाए। संजय सिंह ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह कानून एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा इस तरह के कानूनों के जरिए आने वाले समय में एक-एक करके सभी अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाएगी

मुस्लिमों को मुख्य धारा में लेकर आये हैं

भाजपा की तरफ से जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 70 साल से इस पार्टी ने मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया। मुस्लिमों को मुख्य धारा में पीएम मोदी लेकर आए। वक्फ बिल पर विपक्ष लगातार भ्रम फैला रहा है। वक्फ की संपत्ति का सही रख-रखाव जरूरी है। उन्होंने मुस्लिम देशों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि मुस्लिम देश मिस्र, सूडान और बांग्लादेश में तीन तलाक खत्म हुआ। इराक में और मलेशिया में समाप्त हो गया। ये भारत देश था, जहां मुस्लिम महिलाओं को पीछे धकेला जा रहा है। महिलाओं के हक के लिए नरेंद्र मोदी आगे आए औऱ कानून को समाप्त किया।

भाषण में दिया क्रिकेट का उदाहरण

जेपी नड्डा ने अपने भाषण में क्रिकेट का उदाहरण देते हुए समझाने का प्रयास किया कि क्रिकेट में कुछ पहलवान टाइप के लोग होते हैं जो आउट होने पर भी नहीं मानते। कहते हैं कि मैं न मानूं, चाहे आउट ही क्यों न हो जाएं। ये भी वैसे ही हैं। कांग्रेस को नसीहत देते हुए नड्डा ने कहा कि हम विपक्ष को वक्फ बिल पर सरकार से साथ आने का निमंत्रण देते हैं।

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