KNEWS DESK- वक्फ संशोधन बिल-2025 को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। बुधवार को ये बिल लोकसभा में पेश हुआ, जहां इसके पक्ष में 288 और इसके विरोध में 232 वोट पड़े थे। लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद इसे गुरूवार को राज्यसभा में पेश किया गया, जहां इसके पक्ष में 128 वोट तथा इसके विरोध में 95 वोट मिले। संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के समक्ष रखा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही ये बिल पूर्ण रूप से कानून बन सकेगा। इस बिल को पास करने के दौरान कई दिग्गज नेताओं ने इसके पक्ष में तो कईयों ने इसके विपक्ष में बयान दिया। दो दिन से चल रही बहस का गुरूवार देर रात अंत हुआ और इसी के साथ संसद की उच्च सदन और निम्न सदन से इसे मंजूरी मिल गई।
किसी भी बिल को कानून बनने के लिए जरूरी होता है कि पहले इसकी ड्राफ्टिंग विशेषज्ञों की मदद से की जाए। ड्राफ्टिंग के पश्चात इसे लोकसभा में संबंधित मंत्री द्वारा लाया जाता है, जहां इसपर सत्तापक्ष और विपक्ष के द्वारा चर्चा की जाती है। चर्चा के पश्चात इस बिल पर दोनों पक्षों की तरफ से मतदान किया जाता है। अगर लोकसभा में ये बिल पास हो जाता है तो इसे राज्यसभा में भेज दिया जाता है। अगर लोकसभा में ये बिल पास नहीं हो पाता है तो इसे वापस भेज दिया जाता है।
लोकसभा से पास होने के बाद इसे उच्च सदन अर्थात राज्यसभा में भेजा जाता है। राज्यसभा में इसपर चर्चा होती है और मतदान होता है। अगर राज्यसभा में ये पास नहीं हो पाता है तो इसे वापस भेज दिया जाता है। राज्यसभा में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है।
राष्ट्रपति इस बिल को अपने पास रख लेते हैं और अगर राष्ट्रपति को कुछ गड़बड़ी लगती है तो वो संसद को पुनर्विचार के लिए इस बिल को वापस भेज सकते हैं। अगर राष्ट्रपति को बिल सही लगता है तो राष्ट्रपति इस बिल पर हस्ताक्षर कर देते हैं। जिस दिन से राष्ट्रपति बिल पर हस्ताक्षर करते है उसी दिन से कानून में इसे शामिल कर लिया जाता है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद इसे गजट में प्रकाशित कर अधिसूचित किया जाता है । जिस दिन इसे गजट में प्रकाशित किया जाता है उसी दिन से ये भारत के सभी लोगों के लिए लागू हो जाता है।