उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर क्रैश: AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, ओवरहेड केबल बनी हादसे की वजह

KNEWS DESK- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जा रहे श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भर रहे बेल 407 हेलीकॉप्टर की दुखद दुर्घटना को लेकर विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि हेलीकॉप्टर का मुख्य रोटर ब्लेड एक ओवरहेड केबल से टकरा गया था, जिससे हेलीकॉप्टर संतुलन खो बैठा और पहाड़ी से नीचे गिर गया।

हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री गंभीर रूप से घायल हुआ था। यह दर्दनाक घटना उत्तरकाशी के गंगनानी इलाके के पास हुई थी, जहां हेलीकॉप्टर लगभग 250 फीट गहरी खाई में गिरकर एक पेड़ से टकरा कर रुका।

AAIB की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि हेलीकॉप्टर का संपर्क ओवरहेड पावर लाइन से हुआ था, जिससे रोटर ब्लेड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टकराव के बाद हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह तेजी से नीचे गिर गया। हालांकि जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि हादसे के पीछे के मूल कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत तकनीकी विश्लेषण और अन्य साक्ष्यों की जांच अभी जारी है।

हेलीकॉप्टर एयरोट्रांस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का था और यह यात्रियों को गंगोत्री धाम ले जा रहा था। यह सेवा खास तौर पर चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को कठिन और दुर्गम पहाड़ी मार्गों से सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए शुरू की गई थी।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में हवाई सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए उड़ान मार्गों की बेहतर योजना, ओवरहेड केबल्स का स्पष्ट चिन्हांकन और पायलटों को स्थानीय परिस्थितियों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है।

AAIB ने संकेत दिया है कि हादसे की विस्तृत जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिसमें दुर्घटना के तकनीकी पहलुओं, मौसम, पायलट के अनुभव और एयर ट्रैफिक नियंत्रण से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया जाएगा।

सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए हैं, खासकर चारधाम यात्रा जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में।