KNEWS DESK… राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक समारोह में कहा कि जो हमारे देश भारत की प्रगति नहीं चाहते, वे हमारे समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ वाली नीति कुछ देशों ने अपने स्वार्थी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इसे अपनाया है। लेकिन एकजुट भारत को इन बाहरी ताकतों के द्वारा हराया नहीं जा सकता है।
दरअसल आपको बता दें कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 1857 के बाद ब्रिटिश सरकार ने देश में ‘फूट डालो और राज करो’ की व्यवस्थित नीति अपनाई थी। वहीं बंगाल विभाजन के समय अंग्रेजों ने हिंदू और मुसलमानों को विभाजित करने की कोशिश की थी। लेकिन वो इसमें विफल रहे क्योंकि उस दौरान देश के लोग एकजुट थे। हालांकि 1947 में अंग्रेज अपनी नीति में सफल हो गए और नतीजा हमारे सामने है।
आसुरी शक्ति भारत विरोधी
भागवत ने कहा कि आसुरी शक्तियां भारत की प्रगति का विरोधी है। वह आंतरिक कलह भड़काकर देश में अशांति फैलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब तक हम एकजुट हैं, तब तक दुनिया की ऐसी कोई ताकत नहीं है जो हमें हरा सके। इसी फूट की नीति को अपना कर वो हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत का विभाजन अंग्रेजों के कारण हुआ
भागवत ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत सदियों से मुसलमानों को सुरक्षित रखता आया है। वो ये भूल रहे हैं कि सभी एक हैं। हम सभी भारतीय हैं। भारत का विभाजन अंग्रेजों के कारण हुआ था। जिन्होंने भारत में सांप्रदायिकता के बीज बोए थे। आगे भागवत ने कहा कि जब तक हम एकसाथ हैं तब तक दुनिया की ऐसी कोई ताकत नहीं जो हमें हरा सके। उन्होंने कहा कि कुछ देश हैं जो नहीं चाहते कि भारत आगे बढ़े, वे देश को समाज में बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ये ताकतें लोगों के बीच दुश्मनी पैदा कर रहे हैं। हम आपस में लड़ रहे हैं और दुश्मनों की चाल को नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू बन जाता है, भले ही वो अलग-अलग धर्मों का पालने करने वाले क्यों न हो। मुस्लमानों की इबादत के तरीके अलग हो सकती है, लेकिन सबकी जड़े एक ही हैं।