KNEWS DESK- तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद एक बार फिर बड़े आंदोलन की गवाह बनी, जहां वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेतृत्व में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। यह प्रदर्शन इस कानून के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक बना, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “संविधान विरोधी” बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “शुक्रिया हैदराबाद! वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ यह एकता का शानदार प्रदर्शन था। यह कानून संविधान की भावना के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए।”
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उन्होंने AIMIM पदाधिकारियों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, पार्षदों और प्रदर्शन में शामिल सभी संगठनों का धन्यवाद किया। साथ ही हैदराबाद पुलिस कमिश्नर और उनकी टीम को भी सहयोग के लिए आभार जताया।
AIMPLB की जनसभा AIMIM के हैदराबाद स्थित मुख्यालय दारुस्सलाम में आयोजित हुई, जहां ओवैसी ने हजारों की भीड़ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक यह अधिनियम वापस नहीं लिया जाता, ठीक वैसे ही जैसे कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने लंबा संघर्ष किया।
ओवैसी ने साफ कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन अडिग रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक यह काला कानून वापस नहीं ले लिया जाता। क्या आप एक लंबी लोकतांत्रिक लड़ाई के लिए तैयार हैं? अगर हां, तो आज अपने आप से वादा कीजिए कि हम पीछे नहीं हटेंगे।”
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर कई मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह वक्फ संपत्तियों के अधिकारों को कमजोर करता है और वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता पर हमला है। AIMPLB और AIMIM के अनुसार, यह अधिनियम अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता को प्रभावित करता है और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जैसे किसान आंदोलन ने सरकार को झुकने पर मजबूर किया, वैसे ही यह आंदोलन भी अपना असर दिखाएगा।
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