KNEWS DESK- पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। हमले के बाद से ही खुफिया एजेंसियां पूरी तरह एक्टिव हैं और अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा द्वारा रची गई थी, जिसके पीछे तीन बड़े नाम सामने आए हैं — हाफिज सईद, सैफुल्ला और हाशिम मूसा।
खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद है, जो पाकिस्तान में बैठकर आतंक की योजनाओं को अंजाम दे रहा है। उसके साथ ही लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्ला भी इस हमले की प्लानिंग में शामिल था। दोनों ही आतंकी पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाहों में छिपे बैठे हैं, और वहां से भारतीय क्षेत्रों में हिंसा फैलाने की कोशिशों को अंजाम दे रहे हैं।
तीसरा नाम है हाशिम मूसा, जो इस समय दक्षिण कश्मीर के जंगलों में छिपा हुआ बताया जा रहा है। हाशिम मूसा सिर्फ एक आम आतंकी नहीं है, बल्कि वह पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व पैरा कमांडो भी रह चुका है। बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कसम खाई।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगर हाशिम मूसा जिंदा पकड़ा जाता है, तो वह पाकिस्तान की सीधे आतंकवाद में संलिप्तता का सबसे बड़ा सबूत बन सकता है। उसके पास लश्कर की आतंकी गतिविधियों और पाकिस्तान की सैन्य भागीदारी से जुड़े अहम दस्तावेज और जानकारियां हो सकती हैं। जानकारी के मुताबिक, साल 2024 में गांदरबल के गागनगीर में हुए आतंकी हमले में भी हाशिम मूसा शामिल था। उस हमले में छह गैर-स्थानीय नागरिकों और एक डॉक्टर की जान गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाशिम मूसा पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है और उसकी तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।
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