जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को की ये अपील, “भारत के लोकाचार से प्रेरणा लें। जो हमें विभाजित करता है उस पर ध्यान केंद्रित ना करें, बल्कि उस पर ध्यान दें जो हमें जोड़ता है।” इस दौरान उन्होंने कहा कि “सभी विदेश मंत्री वैश्विक विभाजन के समय मिल रहे हैं और चर्चा राजनीतिक तनाव से प्रभावित है।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विकास, आर्थिक लचीलापन, अंतरराष्ट्रीय अपराध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की वैश्विक चुनौतियों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के परिणाम के बारे में अपेक्षा जताई। बता दें कि जी 20 देशों के विदेश मंत्री आम सहमति के साथ एक बयान देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा, “जी20 अध्यक्षता के लिए भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम चुनी है। यह उद्देश्य की एकता और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता को दर्शाता है। मैं आशा करता हूं कि आज की बैठक सामान्य और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक शासन की संरचना को दो कार्यों के लिए बनाया गया था- प्रतिस्पर्धी हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने के लिए, और सामान्य हितों के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए। वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्धों के पिछले कुछ वर्षों के अनुभव से स्पष्ट है कि वैश्विक शासन अपने दोनों कार्यों में विफल रहा है।”
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जैसा कि आप गांधी और बुद्ध की भूमि में मिल रहे हैं, मैं प्रार्थना करता हूं कि आप भारत के सभ्यतागत लोकाचार से प्रेरणा लें, जो हमें विभाजित नहीं करता है, बल्कि उस पर ध्यान केंद्रित करता है जो हमें जोड़ता है।”
पीएम मोदी ने कहा, “कोई भी समूह अपने निर्णयों से सर्वाधिक प्रभावित लोगों की बात सुने बिना वैश्विक नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता। यह बैठक गहरे वैश्विक विभाजन के समय हो रही है। हम सभी को अपने दृष्टिकोण रखने चाहिए कि इन तनावों को कैसे सुलझाया जाना चाहिए। हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए जो कमरे में नहीं हैं।”