किसान आंदोलनकारियों को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत, हाईवे न रोकें और जनता की सुविधा का भी रहे ख्याल

KNEWS DESK, किसान आंदोलनकारियों को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को नसीहत देते हुए कहा कि हाईवे न रोकें और जनता की सुविधा का भी ख्याल रहे।

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की समस्याओं का होगा समाधान, सुप्रीम कोर्ट ने किया पैनल का गठन

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत दूसरे किसान नेताओं से कहा कि प्रदर्शन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं से कहा कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए मनाएं। दरअसल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की सदस्यता वाली पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने याचिकाकर्ता डल्लेवाल की वकील से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इससे लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। किसानों का विरोध सही या गलत, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि डल्लेवाल प्रदर्शनकारियों को कानून के तहत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजी कर सकते हैं ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो। पीठ ने कहा कि इस समय वे डल्लेवाल की याचिका पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन वे बाद में संपर्क कर सकते हैं।

बता दें कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर से पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू किया था। हालांकि आमरण अनशन शुरू करने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से जबरन हटा दिया और लुधियाना के अस्पताल में भर्ती करा दिया। बीते शुक्रवार शाम में डल्लेवाल को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और 30 नवंबर को डल्लेवाल ने फिर से खनौरी बॉर्डर पर आकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं किसान 13 फरवरी से ही खनौरी और शंभु बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

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