सुप्रीम कोर्ट ने BYJU’S के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज…

KNEWS DESK, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें संकटग्रस्त एड-टेक कंपनी बायजू के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही पर रोक लगाने का फैसला लिया गया था।

बायजू की बढ़ी टेंशन! सुप्रीम कोर्ट ने बहाल की दिवालियेपन की कार्यवाही, NCLAT  का आदेश भी खारिज- Navbharat Live (नवभारत) - Hindi News | supreme court  decision on us company ...

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने एनसीएलएटी के उस आदेश को भी पलट दिया, जिसमें बायजू को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान का निपटान करने की अनुमति दी गई थी।

कोर्ट ने दिया नया निर्देश

पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने बीसीसीआई को यह राशि ऋणदाताओं की समिति के पास जमा कराने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 158 करोड़ रुपये की राशि एक अलग एस्क्रो खाते में रखी जाएगी और इसका रखरखाव ऋणदाताओं द्वारा किया जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि एनसीएलएटी के नियम 11 का सहारा लेना उचित नहीं है और कानूनी प्रक्रिया को दबाने के लिए अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एनसीएलएटी ने बायजू के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही को बंद करते समय विवेक का प्रयोग नहीं किया और मामले में नए सिरे से निर्णय देने का आदेश दिया।

NCLAT का पहले का फैसला

2 अगस्त को एनसीएलएटी ने बायजू को राहत प्रदान करते हुए उसके खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही को रद्द कर दिया था, जो कंपनी के लिए एक बड़ी राहत थी। इस फैसले ने कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन को कंपनी के वित्त और संचालन पर नियंत्रण वापस दे दिया था। हालांकि 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के फैसले को ‘अनुचित’ करार दिया और बायजू और अन्य को नोटिस जारी करते हुए एनसीएलएटी के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।

 

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