KNEWS DESK- भारत के खिलाफ चलाए जा रहे वैश्विक दुष्प्रचार और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष मजबूती से रखा है। भारतीय संसद के विभिन्न दलों के नेताओं का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब के राजनयिक दौरे पर है, जिसका नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत की आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति और क्षेत्रीय स्थिरता की पक्षधरता को दुनिया के सामने रखना है।
रियाद में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक रवैये पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम देशों को यह बताने की कोशिश करता है कि वही एकमात्र मुस्लिम देश है, जबकि भारत में 240 मिलियन मुसलमान पूरी आज़ादी और गर्व के साथ रहते हैं।
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान का यह झूठा प्रोपेगेंडा अब दुनिया को गुमराह नहीं कर सकता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान की धरती से संचालित तकफीरी आतंकी समूह पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता और विकास में सबसे बड़ी बाधा हैं। ओवैसी ने हाल ही में भारत द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें पाकिस्तान के नौ एयरबेस को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर भारत चाहता, तो उन्हें पूरी तरह तबाह कर सकता था, लेकिन भारत ने संयम दिखाते हुए केवल चेतावनी दी। यह भारत की रणनीतिक परिपक्वता और वैश्विक जिम्मेदारी को दर्शाता है।
ओवैसी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करते हुए कहा कि वहां FATF द्वारा नामित आतंकियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान को एक बार फिर FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए, ताकि उस पर वैश्विक दबाव बनाया जा सके।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख के साथ एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी को सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया, जो इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवाद को समर्थन दे रही है।
ओवैसी ने पठानकोट आतंकी हमले की भी चर्चा की और प्रधानमंत्री की उस समय की पाकिस्तान यात्रा पर विपक्ष की आलोचना को दोहराया। उन्होंने कहा कि जब हमारे सैनिकों पर हमला हो रहा है, तब पाकिस्तान से संवाद का कोई औचित्य नहीं रह जाता। उन्होंने सवाल किया, “हम पाकिस्तान में आखिर बात किससे करें? वहां पर नियंत्रण किसके पास है?”
इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फागनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, और पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब के बाद कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया भी जाएगा।
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