उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बयान, ज्ञानवापी ही साक्षात ‘विश्वनाथ’ हैं…

KNEWS DESK, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अपनी राय स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि जो लोग आज ज्ञानवापी को मस्जिद के रूप में मानते हैं, असल में वह साक्षात बाबा विश्वनाथ हैं। यह बयान गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान दिया गया, जहां सीएम योगी ने ज्ञानवापी के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को लेकर अपनी दृष्टि प्रस्तुत की।

सीएम योगी का बयान ज्ञानवापी मस्जिद के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उनके अनुसार, ज्ञानवापी साक्षात बाबा विश्वनाथ हैं और इसे मस्जिद के रूप में देखना धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। साथ ही, अस्पृश्यता पर उनकी टिप्पणियां समाज में एकता और अखंडता के महत्व को प्रस्तुत करती हैं। सीएम योगी ने इस संगोष्ठी में कहा कि, “ज्ञानवापी को वर्तमान में मस्जिद के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से यह स्थल साक्षात भगवान विश्वनाथ के रूप में प्रतिष्ठित है। यह बयान वाराणसी की कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज करने के बाद आया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष के अनुरोध को ठुकरा दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने की मरम्मत का आदेश दिया जाए।”

बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने भारत में अस्पृश्यता को एक गंभीर समस्या बताया और इसे राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा कहा। उन्होंने कहा कि यदि देश के लोगों ने इस मुद्दे को गंभीरता से समझा होता, तो देश को गुलाम नहीं होना पड़ता। उन्होंने संतों की परंपरा को जोड़ने वाली और समाज को एकता की ओर ले जाने वाली बताया।वहीं सीएम योगी ने आचार्य शंकर की कथा का उल्लेख किया, जिसमें शंकराचार्य काशी में भगवान विश्वनाथ से मिलने आए थे। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य गंगा स्नान के लिए जा रहे थे, तब एक चांडाल ने उन्हें रास्ते से हटने के लिए कहा। इस पर शंकराचार्य ने यह सवाल किया कि क्या ब्रह्मज्ञान केवल भौतिक शरीर को देखता है या उसके अंदर बसे ब्रह्म को भी समझता है। यह कथा इस बात को दर्शाती है कि ज्ञान केवल भौतिक रूप को नहीं, बल्कि आत्मा के वास्तविक स्वरूप को भी समझना चाहिए।

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