‘सिंदूर का सौदा’, विदेश नीति पर राहुल गांधी और पवन खेड़ा का मोदी सरकार पर हमला, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

KNEWS DESK-  लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सोमवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने भाजपा पर पाकिस्तान के साथ “सिंदूर का सौदा” करने का आरोप लगाया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर जयशंकर से तीखे सवाल पूछे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा ने कहा, “डोनाल्ड ट्रम्प ने खुद कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। भारत को व्यापार बंद करने की धमकी दी। इसका मतलब है कि सिंदूर का सौदा चल रहा था और प्रधानमंत्री चुप थे। क्या ये देशहित में था?”

खेड़ा ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह स्वीकार किया है कि एयर स्ट्राइक के पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी। उन्होंने पूछा, “सरकार बताए कि इस जानकारी के चलते हमने कितने विमान खोए? ये भूल नहीं, अपराध था। देश को सच्चाई जानने का हक है।”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर विदेश मंत्री पर निशाना साधते हुए X पर लिखा, “विदेश मंत्री की चुप्पी निंदनीय है और इससे सब कुछ साफ हो रहा है। मैं फिर पूछता हूं — उन्हें पाकिस्तान को जानकारी देने का अधिकार किसने दिया? और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खोए?”

राहुल गांधी ने एक निजी न्यूज चैनल का वीडियो भी साझा किया, जिसमें कथित तौर पर यह दावा किया गया था कि एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को ऑपरेशन से पहले जानकारी दी थी।

राहुल और खेड़ा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “विदेश मंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन शुरू होने के बाद पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी। इसे अब इस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है मानो ऑपरेशन से पहले उन्हें जानकारी दी गई हो — यह पूरी तरह गलत है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।” उधर, सैन्य अधिकारियों ने भी इस विवाद पर सफाई दी है। तत्कालीन DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “ऑपरेशन शुरू होने के बाद हमने पाकिस्तान को यह बताने की कोशिश की थी कि हम केवल आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर रहे हैं। पाकिस्तान ने संवाद से इनकार कर दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी।”

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