जाति जनगणना पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार का किया समर्थन , लेकिन रखीं चार बड़ी मांगें

KNEWS DESK –  केंद्र सरकार द्वारा देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन इसके साथ ही सरकार से चार ठोस मांगें भी रखीं। राहुल गांधी ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को इस प्रक्रिया में हरसंभव सहयोग देने को तैयार है।

राहुल गांधी ने जताया समर्थन, लेकिन मांगी स्पष्ट टाइमलाइन

राहुल गांधी ने कहा, “हमने संसद में साफ कहा था कि जातिगत जनगणना कराई जाएगी और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को खत्म किया जाएगा। अब जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है, तो हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि ये जनगणना कब कराई जाएगी।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन का भी ज़िक्र किया, जिसमें कहा गया था कि भारत में चार जातियां हैं—गरीब, मध्यम वर्ग, अमीर और बहुत अमीर। राहुल ने कहा कि इन वर्गों के भीतर सामाजिक स्तर पर असमानता को समझने के लिए जातिगत आंकड़े जरूरी हैं।

कांग्रेस की चार प्रमुख मांगें

  1. जनगणना की टाइमलाइन घोषित की जाए
    राहुल गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि वह यह स्पष्ट करे कि जातिगत जनगणना कब और कैसे कराई जाएगी।

  2. तेलंगाना मॉडल अपनाने की सलाह
    उन्होंने केंद्र को तेलंगाना सरकार के तेज़, पारदर्शी और समावेशी जाति सर्वे मॉडल को अपनाने की सलाह दी, जिससे विश्वसनीय आंकड़े जल्दी मिल सकें।

  3. 50% आरक्षण सीमा हटाने की मांग
    कांग्रेस नेता ने दोहराया कि जातिगत आंकड़ों के आधार पर आरक्षण की वर्तमान 50 फीसदी सीमा को हटाना जरूरी है, ताकि सभी वर्गों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व मिल सके।

  4. निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू हो
    राहुल गांधी ने कहा कि सामाजिक न्याय केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं होना चाहिए। निजी शिक्षण संस्थानों और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए ताकि समान अवसर सुनिश्चित हो सकें।

कांग्रेस देगी सरकार को सहयोग

राहुल गांधी ने कहा, यह हमारा विज़न था और हम इसे समर्थन देते हैं। कांग्रेस सरकार को जातिगत जनगणना की रूपरेखा तय करने में पूरी मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि 11 साल बाद केंद्र सरकार द्वारा यह कदम उठाया जाना दबाव की राजनीति का परिणाम है, और इसके लिए हर कांग्रेस कार्यकर्ता और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वाला व्यक्ति बधाई का पात्र है।