KNEWS DESK – कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपना समर्थन व्यक्त किया है। प्रियंका गांधी सोमवार, 16 दिसंबर को वो संसद में फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए Palestine लिखा हुआ बैग लेकर पहुंचीं थीं, जिसके बाद अब 17 दिसंबर 2024 को संसद में फिर एक बैग लेकर पहुंचीं, जिस पर लिखा था, “बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो।” प्रियंका का यह कदम बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अत्याचारों के प्रति अपनी चिंता और समर्थन व्यक्त करने के रूप में देखा जा रहा है।
प्रियंका गांधी का नया ट्रेंड
बता दें कि प्रियंका गांधी ने एक नया ट्रेंड शुरू किया है। 16 दिसंबर को उन्होंने संसद में एक बैग के साथ प्रवेश किया, जिस पर “Palestine” लिखा था और एक सफेद कबूतर का चित्र था, जो शांति का प्रतीक है। अब 17 दिसंबर को उन्होंने वही ट्रेंड बरकरार रखते हुए बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के समर्थन में एक बैग लेकर संसद में प्रवेश किया। इस तरह प्रियंका ने अपनी बात रखने का एक नया और प्रभावी तरीका अपनाया है, जिससे उनका संदेश व्यापक रूप से फैल रहा है।
हालांकि प्रियंका गांधी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब संसद परिसर में विपक्षी सांसद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर और बैग पकड़े थे, और जमकर नारेबाजी की। “बांग्लादेश सरकार होश में आओ”, “अल्पसंख्यकों को इंसाफ दो” जैसे नारे लगाए गए। प्रियंका गांधी भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बनीं और अपनी आवाज उठाई।
प्रियंका गांधी का लगातार समर्थन
प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा को लेकर लगातार आवाज उठाई है। हाल ही में, इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर भी उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। प्रियंका ने लिखा था, “बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी और अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की खबरें अत्यंत चिंताजनक हैं। मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि इस मामले में हस्तक्षेप किया जाए और बांग्लादेश सरकार के समक्ष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया जाए।”
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा
बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, घरों में आगजनी, और धार्मिक हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश की सरकार की नीति और शेख हसीना की सत्ता में बदलाव के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमले और हिंसा के मामलों में वृद्धि देखी गई है। हाल ही में, इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया था। इस घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर लगातार अपनी चिंता जाहिर कर रही है। भारत ने बांग्लादेश से अपील की है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके खिलाफ हो रही हिंसा को तुरंत रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर भारत का यह रुख स्पष्ट है, और यह दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में गंभीर है।