KNEWS DESK – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 4 बजे नई दिल्ली स्थित बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखेंगे। इस फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी की एक्टिंग को दर्शकों द्वारा सराहा जा रहा है। फिल्म गुजरात के चर्चित गोधरा कांड पर आधारित है, और यह पिछले महीने 15 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की थी फिल्म की सराहना
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने फिल्म के रिलीज होने के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर फिल्म की सराहना की थी। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, “बिल्कुल सही। यह अच्छी बात है कि अब सच सामने आ रहा है और वह भी ऐसे कि आम लोग भी इसे देख सकें। एक फेक नैरेटिव महज कुछ समय के लिए ही रहती है। फैक्ट्स सामने आ ही जाते हैं।”
अमित शाह ने भी की फिल्म की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह ने भी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की सराहना की है। 22 नवंबर को अमित शाह ने फिल्म के निर्माताओं से मुलाकात की और सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर अपनी बधाई दी। उन्होंने लिखा, “इस फिल्म ने झूठ और भ्रामक तथ्यों को उजागर किया है और उस सच को सामने लाया है जिसे राजनीतिक हितों के लिए लंबे समय तक दबाया गया था।” उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि फिल्म के विषय ने उन्हें प्रभावित किया और वे इसकी तारीफ करते हैं।
फिल्म को टैक्स फ्री किया गया
फिल्म की सफलता को देखते हुए, कुछ राज्य सरकारों ने इसे टैक्स फ्री भी कर दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री करने का ऐलान किया और अपनी कैबिनेट के सहयोगियों के साथ फिल्म देखी। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी मौजूद थे। इसके अलावा, राजस्थान के अजमेर में केंद्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने भी फिल्म देखी और उसके बाद कहा, “यह फिल्म सच्चाई को सामने ला रही है, और दुर्भाग्यपूर्ण है कि वोट बैंक की राजनीति ने मानवता को शर्मसार किया है। हमें हमेशा सच्चाई का साथ देना चाहिए, क्योंकि सच्चाई को कभी हराया नहीं जा सकता।”
फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ का विषय और महत्व
‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म 2002 में गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित है। यह घटना देशभर में राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत संवेदनशील रही थी। फिल्म का उद्देश्य इस घटना से जुड़ी सच्चाई को सामने लाना है और यह दिखाना है कि कैसे झूठ और भ्रामक तथ्यों के आधार पर घटनाओं को मोड़ा गया था। फिल्म के माध्यम से दर्शकों को यह बताया गया है कि इतिहास को सच्चाई के साथ देखना और समझना कितना महत्वपूर्ण है।