KNEWS DESK, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने पाली भाषा के महत्व, अभिधम्म दिवस की विशेषताओं और बुद्ध धम्म की समृद्ध विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर अपने विचार साझा किए।
अभिधम्म दिवस भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के स्वर्ग से अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन, बुद्ध की गहरी और विश्लेषणात्मक शिक्षाओं को याद किया जाता है जो न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि समग्र मानवता के लिए मार्गदर्शन का काम करती हैं। वहीं प्रधानमंत्री ने पाली भाषा को चार अन्य भाषाओं के साथ शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने की जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह कदम न केवल बुद्ध धम्म की मूल शिक्षाओं के संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि युवा पीढ़ी को इन शिक्षाओं से जोड़ने का भी प्रयास है। पाली भाषा में भगवान बुद्ध की अभिधम्म शिक्षाएं उपलब्ध हैं, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार बुद्ध धम्म की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों पर काम कर रही है। इन प्रयासों में न केवल शिक्षण संस्थानों में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का समावेश करना शामिल है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस विषय पर संवाद और समझ को बढ़ावा देना है। इस समारोह में भारत और 14 अन्य देशों के शिक्षाविद, भिक्षु, और युवा विशेषज्ञ ने भाग लिया, जिन्होंने बुद्ध धम्म पर विभिन्न दृष्टिकोणों को साझा किया। संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संसदीय कार्य तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित रहे।