KNEWS DESK- अहमदाबाद में हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे के बाद देश की सर्वोच्च अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय बंसल द्वारा दायर इस याचिका में एयर इंडिया के सभी बोइंग विमानों की सेवाएं निलंबित करने की मांग की गई है, जब तक कि उनकी सुरक्षा का पूर्ण ऑडिट न हो जाए।
याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), एयर इंडिया और नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर एयर इंडिया और अन्य कमर्शियल एयरलाइनों के विमानों की समग्र सुरक्षा ऑडिट का आदेश दे।
याचिका में कहा गया है कि नागरिकों का जीवन और सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह उनका मौलिक अधिकार है। इसमें सवाल उठाया गया है कि क्या एयरलाइनों और संबंधित सरकारी एजेंसियों को इन अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी कदम नहीं उठाने चाहिए?
याचिकाकर्ता अजय बंसल ने दावा किया है कि उन्होंने 20 मई 2025 को दिल्ली से शिकागो जा रही एयर इंडिया की एक उड़ान में कई गंभीर तकनीकी खामियां देखीं, जिससे उनकी चिंता और गहरी हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि विमानों के रखरखाव और वैज्ञानिक जांच के मामले में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के एक बोइंग विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई। इस भयावह हादसे में 270 लोगों की मौत हुई, जिनमें 230 यात्री और 30 क्रू सदस्य शामिल थे। केवल एक व्यक्ति, जो सीट नंबर 11A पर बैठा था, जीवित बचा।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या रुख अपनाता है। यदि अदालत सुरक्षा ऑडिट के आदेश देती है और एयर इंडिया के बोइंग विमानों की सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित होती हैं, तो यह भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम माना जाएगा।
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