KNEWS DESK- पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। मुंबई की एक अदालत ने चोकसी के खिलाफ ऋण धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट एस्प्लेनेड कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आर. बी. ठाकुर द्वारा जारी किया गया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 जून को होगी, जिस दिन वारंट पर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था, जहां वह भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद पकड़ा गया। वह फिलहाल बेल्जियम की एक अदालत में जमानत के लिए लड़ रहा है।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरोप लगाया है कि चोकसी की कंपनी बेजल ज्वैलरी ने बैंकों को धोखा देकर करोड़ों रुपये का ऋण लिया और फिर उसका गलत इस्तेमाल किया। जांच एजेंसी के अनुसार, केनरा बैंक ने 30 करोड़ और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 25 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी के रूप में मंजूरी दी थी, जो कि सोने और हीरे जड़े आभूषणों के निर्माण व बिक्री के लिए दी गई थी। लेकिन चोकसी की कंपनी ने इन पैसों का दुरुपयोग किया और कर्ज नहीं चुकाया, जिससे बैंकों को 55.27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पहले से ही 13,500 करोड़ रुपये के PNB घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। यह घोटाला भारत के इतिहास में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जाता है। जहां चोकसी बेल्जियम में जमानत के लिए लड़ रहा है, वहीं नीरव मोदी 2019 से लंदन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया ब्रिटेन की अदालतों में चल रही है।
भारत सरकार लगातार दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है, ताकि उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था के तहत सजा दिलाई जा सके। चोकसी के खिलाफ नया गैर-जमानती वारंट जारी होना इस दिशा में एक और अहम कदम माना जा रहा है।
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