नीतीश कुमार का बड़ा चुनावी दांव: 1 अगस्त से 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, सौर ऊर्जा योजना का भी ऐलान

KNEWS DESK- बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की सियासी सरगर्मी तेज़ होती जा रही है। एक ओर जहां सभी प्रमुख राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए वादों की झड़ी लगा रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी दो दशक पुरानी सत्ता को बचाने के लिए लगातार बड़े-बड़े ऐलान कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने और महिलाओं को 35% आरक्षण देने का वादा किया था। अब उन्होंने बिजली को लेकर एक और अहम घोषणा की है, जिसे चुनाव से पहले बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि बिहार सरकार ने फैसला किया है कि 1 अगस्त 2025 से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसका लाभ करीब 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को मिलने का अनुमान है। नीतीश कुमार ने कहा, “हम शुरू से ही सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अब तय किया गया है कि घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिल नहीं देना पड़ेगा।”

नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अगले तीन वर्षों में राज्य में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घरों की छतों या नजदीकी सार्वजनिक स्थलों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए ये संयंत्र पूरी तरह राज्य सरकार की ओर से लगाए जाएंगे, जबकि अन्य उपभोक्ताओं को भी सरकार की ओर से सहयोग मिलेगा।

बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सरकार का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है और चुनाव अक्टूबर या नवंबर में कराए जाने की संभावना है। इससे पहले ही चुनाव आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण करवा रहा है, जिसके बाद चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा होगी।

इसी माहौल में सीएम नीतीश कुमार लगातार बड़े ऐलान कर रहे हैं ताकि जनता को अपने पक्ष में किया जा सके। रोजगार, आरक्षण और अब मुफ्त बिजली जैसी घोषणाएं सीधे तौर पर आम जनता से जुड़ी हैं, जिससे मतदाताओं पर गहरा असर पड़ सकता है।

जहां एक ओर सरकार घोषणाओं की झड़ी लगा रही है, वहीं विपक्षी दल इन ऐलानों को चुनावी “जुमला” करार दे सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार इन फैसलों के जरिए जनता में अपनी पकड़ बनाए रखने और विरोधी दलों को कड़ी चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।