शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों का नया कदम, प्रदर्शन एक दिन के लिए किया स्थगित

KNEWS DESK, शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने शुक्रवार को एक नई रणनीति की घोषणा की है। आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने वाले अपने जत्थे को एक दिन के लिए रोक दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले से कुछ किसानों के घायल होने के कारण यह फैसला लिया गया है। घायल किसानों के इलाज और केंद्र सरकार से बातचीत के लिए एक दिन का समय देने का निर्णय लिया गया है।

शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे 63 साल के किसान की मौत, हार्ट अटैक की वजह से गई जान - Elderly farmer dies of heart attack at Shambhu border lclk - AajTak

अब 8 दिसंबर को जत्था दिल्ली के लिए होगा रवाना

सरवन सिंह पंढेर ने जानकारी दी कि अब दिल्ली कूच का अगला जत्था 8 दिसंबर को रवाना होगा। दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था फिर से दिल्ली की ओर कूच करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने किसान संगठनों से बातचीत की है और केंद्र सरकार के साथ संवाद का स्तर जानने की कोशिश की। किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि वे केंद्र सरकार के कृषि मंत्री या किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री से ही बातचीत करने को तैयार हैं।

हरियाणा पुलिस से बातचीत के बाद नया निर्णय

हरियाणा पुलिस के एसपी ने किसानों से मांगपत्र मांगा और उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया। इस पर किसानों ने पुलिस से किसी भी प्रकार का टकराव न होने देने की प्रतिबद्धता दोहराई। किसान नेताओं ने कहा कि या तो उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए या सरकार बातचीत का रास्ता अपनाए। सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हम बल प्रयोग का सामना करेंगे लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन जारी रखेंगे। हमारे कई किसान घायल हुए हैं, लेकिन यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।”

पुलिस ने जत्थे को किया रोकने का प्रयास

शुक्रवार को 101 किसानों का जत्था शंभू सीमा पर अपने प्रदर्शन स्थल से दिल्ली की ओर रवाना हुआ था। हालांकि हरियाणा पुलिस ने कुछ मीटर की दूरी पर ही उन्हें रोक दिया। पुलिस ने कई जगह बैरिकेडिंग कर रखी थी और आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। किसान नेताओं ने दावा किया कि इस दौरान कई किसान घायल हुए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का हवाला दिया।

बीजेपी नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध की योजना

किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में बीजेपी नेताओं के हर कार्यक्रम में उनका शांतिपूर्ण विरोध किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यह आंदोलन न केवल किसानों की मांगों का समर्थन है बल्कि सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन भी है।

केंद्र सरकार को दिया एक दिन का समय

किसान नेताओं ने केंद्र सरकार से जल्द बातचीत शुरू करने की अपील की है। पंढेर ने कहा कि सरकार को हमारी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम अपनी रणनीति की समीक्षा कर रहे हैं और सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।” शंभू बॉर्डर पर चल रहे इस आंदोलन का उद्देश्य केंद्र सरकार से कृषि कानूनों पर बातचीत करना और किसानों की मांगों को पूरा करना है। किसानों ने दोहराया है कि उनका यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा और वे किसी भी प्रकार की हिंसा से बचेंगे।

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