मुंबई लोकल ट्रेन हादसा: ठाणे में दर्दनाक हादसे में 8 की मौत, यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

KNEWS DESK-  मुंबई की जीवनरेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन में सोमवार सुबह बड़ा हादसा हो गया, जब दीवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच चलती ट्रेन से गिरकर आठ यात्रियों की मौत हो गई। एक अन्य यात्री की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे की वजह ट्रेन में खचाखच भीड़ और यात्रियों का दरवाजे पर लटककर यात्रा करना बताया जा रहा है।

यह दुर्घटना सुबह करीब 9 बजे डाउन-फास्ट लाइन पर हुई, जब कसारा की ओर जा रही लोकल ट्रेन और सीएसएमटी की ओर आ रही लोकल ट्रेन में सवार कुछ यात्री एक-दूसरे से टकरा गए और ट्रेन से नीचे गिर गए। हादसे के तुरंत बाद रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया।

सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल धनराज नीला ने बताया कि सबसे पहले गार्ड ने सूचना दी कि छह यात्री ट्रैक पर पड़े हैं, लेकिन मौके पर पहुंची एम्बुलेंस टीम को आठ यात्रियों के शव मिले। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि दोनों ट्रेनों में यात्रियों की अत्यधिक भीड़ थी। कई लोग फुटबोर्ड और दरवाजे पर लटककर सफर कर रहे थे। जब दोनों ट्रेनों का आमना-सामना हुआ, तो कई यात्री संतुलन खो बैठे और ट्रैक पर गिर पड़े।

कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि इसी दौरान पुष्पक एक्सप्रेस भी उस रूट से गुजर रही थी, जिससे और लोग गिर सकते हैं। हालांकि इस दावे की जांच अभी चल रही है।

हादसे पर महाराष्ट्र सरकार और राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हास्के ने घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। वहीं बीजेपी विधायक संजय केलकर ने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अगर कहीं प्रशासनिक लापरवाही हुई है, तो उसे ठीक किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई होगी।”

मनसे और बीजेपी दोनों ने हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि मुंबई लोकल ट्रेन, जो हर दिन लाखों लोगों का जीवन आधार है, उसमें ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं।

हादसे के बाद रेलवे ने दो अहम फैसले लिए हैं-

  1. नई लोकल ट्रेनों में पूरी तरह ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे, जिससे भीड़ के बावजूद दरवाजे बंद रहेंगे और यात्री बाहर न लटक सकें।

  2. पुरानी लोकल ट्रेनों में भी ऑटोमैटिक दरवाजे लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यह हादसा सिस्टम को झकझोर देने वाला है। अब सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अधिकार है और हम इसे सुनिश्चित करेंगे।”

मुंबई लोकल ट्रेनों में भीड़ हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है। हर दिन करीब 80 लाख यात्री लोकल ट्रेनों में सफर करते हैं। सीमित डिब्बे, ट्रेन की संख्या और संसाधनों की कमी के बीच यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा सिस्टम की खामियों की चेतावनी है।

रेलवे यूनियन के सदस्यों ने भी इस हादसे पर दुख जताया है और कहा है कि ट्रेन सेवाओं की संख्या और समय में बढ़ोतरी जरूरी है, खासकर पिक ऑवर्स में।

रेल मंत्रालय ने हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता और घायल यात्रियों को ₹1 लाख की मदद देने का ऐलान किया है। लेकिन पीड़ित परिवारों का कहना है कि यह मुआवजा उनकी जिंदगी में आए खालीपन को नहीं भर सकता।

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