KNEWS DESK- माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में शनिवार को मऊ कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसी फैसले के साथ अब्बास की विधायक पद से भी छुट्टी हो गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास की सीट को रिक्त घोषित कर दिया है और इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है। इस विशेष कार्रवाई के तहत रविवार को छुट्टी होते हुए भी कार्यालय खोलकर चुनाव आयोग को पत्र भेजा गया।
अब्बास अंसारी को यह सजा 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक विवादित बयान के कारण मिली है। उस समय एक रैली में उन्होंने कहा था, “सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा।” इस बयान को लेकर मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। तीन साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब्बास को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास पर मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज था। वे नवंबर 2022 से जेल में बंद थे। हालांकि, पिछले दो महीने पहले उन्हें जमानत मिली थी। अब्बास पर आरोप थे कि वे आपराधिक गतिविधियों और अवैध वित्तीय लेन-देन में शामिल रहे हैं। हेट स्पीच मामले में सजा सुनाए जाने के बाद ही उनकी जमानत रद्द हो गई। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी की जगह उनके बेटे अब्बास अंसारी ने सुभासपा-सपा गठबंधन से मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ा था। अब्बास ने इस चुनाव में 1,24,691 मत हासिल कर जीत दर्ज की थी, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के अशोक सिंह को 86,116 वोट मिले थे। अब्बास ने 38,575 मतों के बड़े अंतर से चुनाव जीता था।
यूपी सचिवालय ने मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग नियमानुसार छह माह के भीतर इस खाली सीट पर उपचुनाव कराएगा। अब्बास अंसारी की सजा और विधानसभा से हटने के बाद मऊ की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
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