KNEWS DESK- संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए इस सत्र को “नवीनता और नवसृजन का प्रतीक” बताया। उन्होंने मानसून को देश की अर्थव्यवस्था, खासकर कृषि क्षेत्र के लिए बेहद लाभकारी बताया और कहा कि इस बार पिछले 10 वर्षों की तुलना में 3 गुना अधिक जल भंडारण हुआ है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर “ऑपरेशन सिंदूर” का भी उल्लेख करते हुए कहा, “सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे आतंकियों के घर में घुसकर पूरा किया और उन्हें जमींदोज कर दिया।” उन्होंने इसे भारत की सुरक्षा नीति की सफलता और साहस का प्रतीक बताया।
मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष पूरी तरह आक्रामक रुख अपनाए हुए है। कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे सरकार से जवाब मांगेंगे – विशेषकर पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक सीजफायर में मध्यस्थता के दावे पर।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम संसद में बहुत कम दिखाई देते हैं और केवल विशेष मौकों पर ही भाषण देते हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा “हर बार की तरह इस बार भी वही घिसी-पिटी, खोखली बातें दोहराई जाएंगी।”
रमेश ने पीएम मोदी के प्रस्तावित ब्रिटेन और मालदीव दौरे पर भी सवाल खड़े किए और मणिपुर की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि, “48 घंटे बाद एक और विदेश दौरे पर निकलने वाले प्रधानमंत्री से मणिपुर की जनता फिर निराश होगी।”
मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं। सत्र के दौरान विपक्ष कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है, जिनमें शामिल हैं पहलगाम आतंकवादी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), अमेरिका द्वारा की गई मध्यस्थता की पेशकश, मणिपुर की स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी। पीएम मोदी ने कहा कि यह सत्र देश के लिए गौरवपूर्ण होना चाहिए।