KNEWS DESK- इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण सितंबर में होगा। यह चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। इसका प्रभाव दुनियाभर में महसूस किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब राहु चंद्रमा को ग्रसता है, तब ग्रहण लगता है, जिसे अशुभ घटना माना जाता है।
18 सितंबर को चंद्र ग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगा। ग्रहण का परमग्रास सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर होगा। यह ग्रहण 4 घंटे 5 मिनट की अवधि तक चलेगा।
सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है, जिससे 18 सितंबर के चंद्र ग्रहण का सूतक काल 17 सितंबर की रात से लगना चाहिए था। लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इस कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में कोई प्रभाव नहीं डालेगा।
इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर, आर्कटिक, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और अटलांटिक महासागर में नजर आएगा|
18 सितंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण का प्रभाव हर राशि पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों पर इसका विशेष असर हो सकता है। विशेषकर मेष, कर्क, तुला, और मकर राशि के जातकों को इस समय सावधान रहने की जरूरत है।
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के दौरान वे घर से बाहर नहीं जातीं, खाना नहीं खातीं और सोती भी नहीं हैं। इसके अलावा, उन्हें चाकू और सुई जैसी नुकीली वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है, इसलिए उन्हें कई सावधानियां अपनानी पड़ती हैं।