KNEWS DESK – संसद में 19 दिसंबर 2024 को हुई धक्कामुक्की को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जानबूझकर अडानी और संविधान संबंधी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह हिंसक घटनाएं उत्पन्न कीं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी का उद्देश्य संविधान और आंबेडकर के योगदान को कमजोर करना है, और इसी के तहत उनका आरोप है कि गृह मंत्री अमित शाह ने जानबूझकर अंबेडकर के खिलाफ विवादित बयान दिया।
हम विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, गड़बड़ नहीं कर रहे थे- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में हुए घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “आज जो संसद में हुआ, उसमें हम कोई भी गड़बड़ करने की कोशिश नहीं कर रहे थे। हम 14 दिन से लगातार विरोध कर रहे थे। हमारे पास अडानी का मुद्दा था, लेकिन जैसे ही संविधान पर चर्चा शुरू हुई, गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया। अब, इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया जा रहा है।”
खरगे ने बताया कि जब वह और अन्य कांग्रेस सांसद संसद में जा रहे थे, तो बीजेपी के सांसदों ने उन्हें रोका और धक्का दिया। उन्होंने कहा, “हम अपने सांसदों के साथ सदन में जा रहे थे, और भाजपा के सांसद मकर द्वार पर आए और हमें रोकने की कोशिश की। हमारे साथ महिला सांसद भी थीं। मैं किसी को धक्का देने की स्थिति में नहीं था, लेकिन बीजेपी के सांसदों ने मुझे धक्का दिया और मैं गिर गया।” खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा सांसदों ने उनका मजाक उड़ाया और महिला सांसदों का अपमान किया।
बीजेपी और RSS की संविधान विरोधी सोच है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी और बीजेपी पर अंबेडकर और संविधान के प्रति उनकी नफरत को उजागर किया। राहुल गांधी ने कहा, “शुरुआत में अडानी के खिलाफ हम चर्चा करना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उसे होने नहीं दिया। इसके बाद अमित शाह का विवादास्पद बयान आया, जिससे यह साफ हो गया कि बीजेपी और RSS की संविधान विरोधी और अंबेडकर विरोधी सोच है। यह उनका मकसद है कि वे संविधान को कमजोर करें और अंबेडकर के योगदान को मिटा दें।”
राहुल ने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। “हमने कहा कि अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हम चाहते थे कि संसद में अडानी और संविधान के मुद्दों पर चर्चा हो, लेकिन बीजेपी ने हमेशा इनसे बचने की कोशिश की,” राहुल गांधी ने आरोप लगाया।
आंबेडकर के योगदान को नकारने की कोशिश
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कहा कि अमित शाह का आंबेडकर के खिलाफ बयान बेहद दुखदायी था। “कल उन्होंने बिना तथ्यों के प्रेस कांफ्रेंस की, पहले जान लें और फिर नेहरू जी और आंबेडकर का अपमान करें। जो भी उन्होंने कहा, वह पूरी तरह से झूठ था।”
खरगे ने यह भी कहा कि अगर संसद में उन्हें वक्त मिलता, तो वह बाबा साहेब अंबेडकर के एक महत्वपूर्ण पत्र के बारे में बताते, जिसमें अंबेडकर ने 1952 के चुनाव और भारतीय राजनीति की दिशा पर अपने विचार साझा किए थे।
बीजेपी पर आरोप, अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने की साजिश
कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी संसद में अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए संविधान और अंबेडकर पर हमलावर रुख अपनाती है। राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी जानबूझकर इस विवाद में उलझाने की कोशिश कर रही है ताकि अडानी के मुद्दे पर चर्चा न हो सके ।”